क्या मध्यप्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को 5 फीसदी डीए दे पाएगी ? या टूट जाएंगे कमलनाथ सरकार के वादे ?

क्या मध्यप्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को 5 फीसदी डीए दे पाएगी ? या टूट जाएंगे कमलनाथ सरकार के वादे ?
सरकार ने चुनाव के वक्त अपने सभी कर्मचारियों से राज्य 5% महंगाई भत्ता (डीए) देने का वादा किया था लेकिन अब इस वादे पर संकट मंडराने लगा है और फिलहाल ये प्रश्न बना हुआ है कि क्या सरकार इसे पूरा कर पाएगी भी या नही ?
बता दें कि डीए पर हर माह 228.75 करोड़ रु., जबकि सालाना 2745 करोड़ रु. खर्च होते हैं। यदि सरकार चुनावी वचन पत्र में किए वादे को पूरा करने डीए को मंजूर करती है तो उसे एक अप्रैल 2020 तक सिर्फ एरियर पर ही 457 करोड़ रु. खर्च करने होंगे। अभी सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं हैं, इसलिए फरवरी में पेश होने जा रहे बजट में सरकार डीए पर खर्च होने वाली राशि का प्रावधान करने जा रही है। इससे अप्रैल के बाद डीए का भुगतान किए जाने की उम्मीद है और इसे सरकार सीधे कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट में डालने की तैयारी कर रही है।बता दें कि दिसंबर 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल जुलाई 2018 का बकाया 3 प्रतिशत का भुगतान किया गया। इससे कर्मचारियों के खाते में 1200 और अधिकारी के खाते में हर महीने 6000 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई।