क्या भाषा का संबंध धर्म से होना चाहिए ? प्रेमचंद ने मौलवी से urdu सीखी -प्रेमचंद के पोते

क्या भाषा का संबंध धर्म से होना चाहिए ? प्रेमचंद ने मौलवी से urdu सीखी -प्रेमचंद के पोते
शशांक तिवारी की यह रिपोर्ट : आज हम बात करने जा रहे है भाषा की ,जी हाँ ! भाषा (language) हर एक व्यक्ति को अपने विचार व्यक्त करने और सोचने की,समझने की और लिखने की आज़ादी देनी वाली ये भाषा भी आजकल धर्म के क़ानूनी कटघरे में खड़ी हो गई हैं |
यदि अब आप बात करे लिखने पढ़ने की तो इनमे सिमित भाषा हैं,हिंदी- इंग्लिश,उर्दू ,पंजाबी ,संस्कृत,बंगाली,कश्मीरी अदि लेकिन यदि आप छेत्रिय भाषा की बात करे तो , देश के कोने -कोने में हर गाँव कस्बो में लोग अलग-अलग अपने गाँव -संस्कृति के हिसाब से भाषा बोलते हैं -इस देश की खूबसूरती इतनी भाषाओं ,सभ्यताओं से भरी हुई हैं कि सीखने औऱ समझने को बहुत कुछ हैं |
लेकिन हिंदुस्तान के मौजूदा हालात ऐसे हो गए हैं कि नए -नए मसले धार्मिक रंग लेने लगे हैं |
शायद फिज़ाओ ने भी अपना रंग -धर्म -भाषा अपना ली हैं |
BHU में संस्कृत के मुस्लिम प्रोफ़ेसर को लेकर लगातार हो रहा हैं विरोध
- दरअसल बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में दो विभाग हैं जिनमें से एक संस्कृत भाषा, हिंदी विभाग के अंतर्गत आता है और दूसरा संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग अलग से बना हुआ विभाग है. इन दोनों में अलग-अलग तरीके की पढ़ाई होती है. संस्कृत विभाग में संस्कृत को भाषा की तरह पढ़ाया जाता है. वहीं, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग में सनातन धर्म के रीति-रिवाजों, मंत्रों, श्लोकों, पूजा पाठ के तौर-तरीकों और पूजा पाठ के बारे में बताया जाता है.
- अपनी इसी बात के आधार पर BHU के छात्र पिछले 14 दिनों से कुलपति के आवास के सामने धरना दे रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक इन मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को दूसरे विभाग में ट्रांसफर नहीं किया जाता तब तक उनका विरोध जारी रहेगा.
- इस मामले में कुलपति कार्यालय से पहले ही साफ किया जा चुका है कि फिरोज खान की नियुक्ति सारे नियम और कायदे-कानून के आधार पर किया गया है. चयन के दौरान फिरोज खान के सबसे ज्यादा अंक आए थे, उनकी नियुक्ति उसी आधार पर की गई है.
अब सोचने वाली बात –इस देश की खूबसूरती देखिये यहाँ अब्दुल कलाम ,विवेकानद ,प्रेमचंद जैसे महान लोगो ने अपने ज्ञान से देश -दुनिया को क्या क्या नहीं दिया ,लेकिन अब हम अपने पूर्वजों को भुलाकर इस 21वी सदी का सबसे जरुरी काम मोबाइल में लगे रहते हैं ,हमे अब फुरसत नहीं की कोई भी विषय में कुछ क़िताबों के पन्ने पलटे जाएं ,जो भी मिले वो सीधा मिल जाएं ,यह आपकी गलती नहीं हैं अब सिस्टम भी ऐसा ही हो गया हैं |
प्रेमचंद के पोते ने क्या कहा ?
- प्रख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद के भाई महताब राय के पोते प्रवीर राय ने बीएचयू में संस्कृत के मुस्लिम प्रोफेसर के विरोध को लेकर ट्वीट किया है
- ट्वीट में लिखा है मेरे दादा मुंशी प्रेमचंद्र एक कायस्थ याने हिंदू थे उन्होंने मौलवी साहब से उर्दू सीखी थी
- उन्होंने लिखा कि वह उर्दू हिंदी के सबसे महान लेखक बने वाकई भाषा का धर्म से कोई नाता नहीं है
बड़ा -सवाल -गौर से सोचियेगा,
- राम मंदिर का फैसला कभी नहीं आ पाता यदि ASI के डायरेक्टर K.K MUHAMMED को संस्कृत नहीं आती ,
- मुस्लिम होने के बावजूद उन्हें बख़ूबी संस्कृत आती थी, जो कि उन्हें अपनी रिसर्च में काम आई और सुप्रीम कोर्ट को अयोध्या विवाद पर ऐतहासिक फ़ैसला सुनाने पर मदद भी मिली
लेकिन अब आप किसी संस्कृत विद्वान को आप धर्म के पक्षपात में ले जाये तो यह बिलकुल ग़लत होगा
ठीक ऐसा ही हो रहा हैं ,BHU में मुस्लिम प्रोफ़ेसर को संस्कृत पढ़ाने से रोका जा रहा हैं |