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हम जान जोखिम में डालकर सब को बचा रहे है और "मामा" हमें ही नौकरी से हटा रहे है, नर्सों का छलका दर्द, CM के गृह जिले का मामला

मध्यप्रदेश/सीहोर – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गृह जिले सीहोर से एक बड़ा मामला सामने आया है जहां 53 नर्सों को नौकरी से हटाने के आदेश जारी किए हैं। ये पहला मामला नहीं है जब किसी को नौकरी से हटाने की आदेश जारी किए गए हो, नौकरी से हटाने के मामले प्रदेश से लगातार सामने आ रहे हैं। अब ऐसा ही मामला सीहोर से सामने आया हैं। 

53 नर्सों को नौकरी से हटाने के आदेश जारी होने पर इन नर्सों ने नाराज़गी जताई हैं। साथ ही कलेक्टर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद की गुहार लगाई हैं। नर्सों ने बताया कि जिले में कोरोना को लेकर 76 अस्थाई नर्सों 3 माह के लिए नियुक्ति की गई थी, लेकिन संक्रमण को देखते 9 माह तक रखा गया। लेकिन अचानक 53 नर्सों को हटा दिया जबकि 23 नर से अभी काम कर रही हैं।

नर्सों का कहना है कि हम पिछले 9 माह से घर नहीं गए हैं, लेकिन अब जगह-जगह अस्पताल में पद रिक्त होने के बाद भी हमें संविदा पर भी नहीं रखा जा रहा हैं। नर्सों का कहना है कोरोना पॉजिटिव मारीच को छूकर उनका ब्लड प्रेशर ऑक्सीजन लेवल पल्स रेट देखते हैं। आईसीयू में भर्ती कोरोना वायरस मरीज जो संक्रमित रहते हैं उनकी देखरेख दवाई का भी दिनभर ध्यान रखते हैं। हम जान जोखिम में डालकर इन सब को बचा रहे हैं और मामा हमें ही हटा रहे हैं।

नर्सों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पुनः विचार कर कोविड-19 सेंटरों पर नर्सों को रखकर रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की हैं। उनका कहना है कि हमारा पूरा परिवार का रहन-सहन हमारी नौकरी पर निर्भर हैं। 

वहीं, कोविड-19 स्वास्थ्य संगठन मध्य प्रदेश के जिला अध्यक्ष भारती मालवीय ने कहा कि हमने डिप्टी कलेक्टर से भी बात की तो वह बोले कि तुम्हारा 3 माह का अनुमान था की तीन माह बाद हटा देंगे, लेकिन अपनी जरूरतों के लिए 9 माह तक रखा। जब तक हम काम कर रहे थे तो सब बात करने तैयार थे, लेकिन आज जब हम अपनी पीड़ा बता रहे हैं तो कोई भी बात करने तैयार नहीं हैं। 

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