पहले "गौ-कैबिनेट" के नाम पर टैक्स वसूली, अब "स्वच्छता शुल्क" और "जल टैक्स" में वृद्धि, ग्वालियरवासियों पर पड़ेगी आर्थिक मार, और क्या-क्या दिन दिखाने वाली है "शिवराज" सरकार
- नगर निगम ने किया ग्वालियर वासियों को आर्थिक झटका देने की तैयारी
- निकाय चुनाव से पहले मिल सकता है झटका
- स्वच्छता शुल्क और जल कर में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार
- मंजूरी के लिए भोपाल भेजा गया प्रस्ताव
ग्वालियर/गरिमा श्रीवास्तव :– ग्वालियर में अब जनता को शिवराज की सरकार में आर्थिक मार पड़ने वाली है। नगर निगम ग्वालियर वासियों को आर्थिक झटका देने की पूरी तैयारी कर चुका है, ग्वालियरवासियों को यह करारा झटका निकाय चुनाव से पहले मिल सकता है।
बताते चलें की नगर निगम ने जो प्रस्ताव बनाया है उसके हिसाब से जलकर 150 रूपए से बढ़ाकर 589 रूपए हो जाएगा. स्वच्छता शुल्क 63 रूपए से बढ़कर 375 रूपए हो जाएगी
इसके साथ ही इंडस्ट्रियल इलाके में भी शुल्क दोगुना होगा. नगर निगम ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भोपाल प्रस्ताव भेजा है.प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाने के बाद नगर वासियों को दोगुने से ज्यादा शुल्क भरने पड़ेंगे।
शिवराज ने सरकार में मजबूती बनाने के बाद पहले बनाया गौ कैबिनेट,और फिर की गाय के नाम पर टैक्स वसूलने की तैयारी :-
उपचुनाव में 19 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार और मजबूत हो गयी है। विधानसभा सत्र 27 दिसंबर से शुरू हो जायेगा और सत्र में नए जीते हुए विधायकों को शपथ ग्रहण कराया जाएगा।
इससे पहले शिवराज की सरकार में गौ कैबिनेट बनाई गई। कैबिनेट बनाने के बाद सरकार ने गायों के नाम पर टैक्स वसूलने की भी तैयारी कर ली।
जिसे लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हुई है। वैसे प्रदेश में गाय पर सियासत कोई नयी बात नहीं है।
गौ कैबिनेट पर जुबानी जंग तेज:-
शिवराज सरकार के गौ कैबिनेट के निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश में गौ मंत्रालय बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह अब गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए गौकैबिनेट बनाने की बात कर रहे हैं।
उन्होंने अपनी चुनाव के पूर्व की गयी घोषणा में गौमंत्रालय बनाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गौ अभ्यारण और गौशालाओं के जाल बिछाने की बात भी कही थी, प्रत्येक घर में भी छोटी-छोटी गौशाला बनाने की भी बात उन्होंने अपनी चुनावी घोषणा में कही थी। अपनी पूर्व की घोषणा को भूलकर शिवराज फिर एक नई घोषणा कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि भाजपा के इस घोषणा से गायों को लाभ मिलेगा या इसका लाभ खुद वह उठाएंगे.. क्योंकि गायों के नाम पर टैक्स वसूलने की तैयारी भाजपा सरकार बना रही है.
गौ कैबिनेट का फार्मूला है पुराना:-
गौ कैबिनेट मध्य प्रदेश की सियासत में कोई नई चीज नहीं है.छह साल से गाय को लेकर लगातार नए दावे किए जा रहे हैं, लेकिन शिवराज सरकार कोई ठोस फैसला नहीं कर पाई। इसी बीच 15 महीने सत्ता में रही कांग्रेस एक हजार गौशाला का फॉर्मूला लेकर आई। यह मुद्दा उपचुनाव में भी जमकर उठाया।
सत्ता में फिर अपनी पकड़ मजबूत बनाते ही शिवराज ने गौ-कैबिनेट बनाकर कमलनाथ के ‘गौशाला मिशन’ को लगभग हथिया लिया है..