यहाँ थोड़ा इंतजार और, रंग बिरंगी तितलियों को देखने कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा
थोड़ा इंतजार और रंग बिरंगी तितलियों को देखने कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा
अगर आपको रंग बिरंगी तितलियों को देखना है तो कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है। मांडव स्थित दाई महल क्षेत्र तितली पार्क के लिए लगभग छह माह का इंतजार और करना होगा।
धार से मनीष आमले की रिपोर्ट : – Collector Dhar आलोक कुमार सिंह और वन मंडल अधिकारी अक्षय कुमार राठौर ने आज वन परिक्षेत्र मांडू में बनाने वाले तितली पार्क की साइट को देखा।खूबसूरत एंट्री गेट, अत्याधुनिक पॉली डोम हाउस इस पार्क को सजाया जाएगा ।यहां नेचुरल तालाब के अलावा लगभग बीस प्रजाति के तीन हजार होस्ट और नेक्टर प्लांट तैयार किए जा चुके हैं। प्रस्तावित पार्क में लम्बे पाथ-वे के एक ओर पेड़ पौधे और बीच में तालाब है।
कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने बताया कि इको डेवलपमेंट बोर्ड के द्वारा स्वीकृत यह प्रोजेक्ट निश्चित रूप से प्रकृति के बहुत नजदीक है। यहां का माहौल भी बहुत खुशनुमा है, सामने तालाब भी मोजूद है। इसके अलावा इसके आगे यहां मॉल रोड भी प्लान किया है जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को यहां रुकने, उनके मनोरंजन के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अलावा यहां पर तितलियों की कई प्रजातियों को संरक्षित किया जाएगा। इसके लिए अत्याधुनिक डिजाइन का 10 हजार स्केअर फिट का डोम और स्ट्रक्चर्स प्लान किये गए है साथ ही वो कार्य प्रगति पर है। बहुत जल्द ही इसे पूर्ण कर जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
तितलियों की प्रजातियों के बारे में डीएफओ राठौर ने कहा, “पूरी दुनिया में तितलियों की दो हजार प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें 1500 से अधिक प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं। एक तितली का औसत जीवनकाल केवल 30 दिन का होता है। कुछ तितलियां 6-7 दिन तक ही जीवित रहती हैं। यह हजारों किलोमीटर तक पलायन करती हैं। इस रास्ते में उनकी पिछली पीढ़ी खत्म होती जाती है और नई जन्म लेती जाती है। कुछ तितलियों के पंख केवल तीन से चार सेंटीमीटर के होते हैं जो हमें दिखायी भी नहीं देते। बढ़ते प्रदूषण,शहरीकरण, वनों के कटान, कीटनाशक दवाओं आदि से लगातार तितलियों को क्षति पहुंच रही है। ऐसे में इनकी सुरक्षा के लिए कई जगहों पर तितली पार्क बनाए गए है।