मंत्रिमंडल में पैठ बनाकर अब भाजपा की कार्यकारणी में करीबियों को जगह दिलाना चाहते हैं महाराज……
मंत्रिमंडल में पैठ बनाकर अब भाजपा की कार्यकारणी में करीबियों को जगह दिलाना चाहते हैं महाराज।
सिंधिया के कारण हो रही नई कार्यकारिणी के गठन में देरी
जबलपुर से तरुण मिश्रा की रिपोर्ट-
भाजपा शासित मध्यप्रदेश सरकार के लिए गले की फांस बन चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया 'महाराज' अब एक और अभिलाषा के साथ प्रदेश भाजपा की बांट जोह रहे हैं।अपने खेमे के मिशन भगवाकरण में जुटे सिंधिया कैबिनेट केविन की चाबी लेने बाद भाजपा की कार्यकारिणी अपने करीबियों को को देखना चाहते हैं।
नई कार्यकारिणी का गठन शिवराज कैबिनेट बनने के बाद होना तय हुआ था। विलंब होता गया अब महाराज ने अड़ी दे दी है।
पार्टी के सूत्रों ने यह तक कह दिया, “कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सचिव जैसे पद पर कांग्रेस आयातित नेता बैठ जाएंगे तो
हम लोग क्या करेंगे”।
प्रदेश में पार्टी के नए अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा इस पर आने के बाद ही नई कार्यकारिणी के गठन के साथ अपनी टीम के साथ काम करना चाहते रहे लेकिन बदलाव अब तक नहीं हो पाया।
अब पार्टी नेतृत्व को दो मोर्चों पर संघर्ष करना है। एक महाराज की हुंकार है तो दूसरी कार्यकारिणी के पुराने संचालकों का अपनी वजनदारी बनाए रखने की जिद।
राज्य की 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं ऐसे में कार्यकारिणी का गठन पहले हो जाना था।
बहरहाल पार्टी इन सीटों में विजय पताका फह रहा दे तो संगठन पर सवाल नहीं उठेंगे।।