मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा -2012 में हुए व्यापम घोटाले 8 आरोपियों को सजा
- व्यापम घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया
- सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को आठ दोषियों को सज़ा सुनाई
- मामले में सभी दोषियों को 7-7 साल की कैद और 10 हजार रुपए का जुर्माना
भोपाल/अंजली कुशवाह: मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले से जुड़े पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा -2012 के मामले में सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इसके तहत सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को आठ दोषियों को सज़ा सुनाई है। जिला कोर्ट में 10 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट की थी। पेश मामले में सभी दोषियों को 7-7 साल की कैद हुई है। इसके साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मंगलवार को आए फैसले में सीबीआई कोर्ट ने कविंद्र कमलेश, राजेश धाकड़, विशाल, ज्योतिष, नवीन समेत कुल आठ आरोपियों को दोषी माना है। इस मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को बरी कर दिया हैं।
क्या हैं व्यापम घोटाला
बता दें कि 2013 में मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला सामने आया था। जिसमें 2001 में हुई पीएमटी प्रवेश परीक्षा में किया गया फर्जीवाड़ा सामने आया था। जिसमे कुछ अभ्यर्थी असली परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा देने गए थे। इसके अलावा व्यापम परीक्षाओं में कई घोटाले सामने आये हैं। व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश का सबसे सनसनीखेज और बड़ा घोटाला माना जाता है। इस घोटाले में कई बड़ी और नामचीन हस्तियों के नाम सामने आते रहते हैं। इस घोटाले के कारण व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) पर लगे दाग को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने इसका नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया है।
व्यापम में हुए कई तरह से फर्ज़ीवाड़े
बता दे कि 27 अगस्त को पेपर लीक होने के चलते व्यापमं ने तीन परीक्षाओं को निरस्त करने का निर्णय किया है। इसके तहत वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और स्टॉफ नर्स चयन परीक्षा निरस्त कर दी गई है। इससे पहले 10 व 11 फरवरी 2021 को भी वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी व ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर भर्ती की परीक्षा में भी शिकायत पाई गई थी। इसी तरह व्यापमं की गु्रप-2 की सब-गु्रप-4 भर्ती परीक्षा और गु्रप-5 की पेरोमेडिकल सेवा स्टॉफ नर्स भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी की गई थी। जानकारी के मुताबिक इसमें अवैध तरीके से पेपर डाउनलोड हो गए थे।