रायसेन:- बदहाल व्यवस्था से ग्रमीणों को कब मिल सकेगी आज़ादी ?

रायसेन:- बदहाल व्यवस्था से ग्रमीणों को कब मिल सकेगी आज़ादी ?
रायसेन से अमित दुबे की रिपोर्ट-देश की आज़ादी को 70 साल से ऊपर होने को हे पर शायद देश के विकास में एक अहम भूमिका अदा करने बाले गांवो की सूरत आज भी गुलामी के दौर में रही बदहाल परिस्थितियों को बया करती नज़र आ रही है !आज़ादी के बाद तमाम योजनाये ग्रामीणों को मुख्य धरा से जोड़ने के लिए बनाई गई पर राजनेतिक ईक्षा शक्ति में कामी व प्रशासनिक उदासीनता के चलते आज भी देश के काई गाँव मुख्य धरा से अलग कटे पड़े हुए है.
प्रदेश की राजधानी भोपाल से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रायसेन जिले के साँची विकास खण्ड के अंतर्गत आने वाले ग्राम हिरणखेड़ा की जहाँ पर आज़ादी के 70 साल बाद भी पक्की सड़क नही है.
वारिश में ग्रामीण लोगो को अनजाने बच्चो को स्कूल जाने व स्वास्थ्य समस्याओं पर उपचार हेतु उपचार केंद्रों तक जाने में काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों के अनुसार काई बार प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से अग्रह के साथ आवेदन भी दिए गए पर विभागों से अनुमति न मिलने के चक्कर मे आज भी गांव मुख्य मार्गो से कटा हुआ है वही जब ग्रामीणों ने प्रशासनिक उपेक्षा को देखते हुए आपसी सहयोग व जनभागीदारी से धान एकत्र कर मुरम का रोड बनाकर उन सभी जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के मुंह पर तमाचा मारा है जो विकास के बड़े बड़े वादे करते है और कागज़ों में अपने क्षेत्र के विकास के कशीदे पड़ते नही थकते !