MP: प्रदेश में शिवराज ओर कमलनाथ की बीच सवालों का सिलसिला जारी
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों सवालों का सिलसिला लगातार जारी है। भाजपा और कांग्रेस के सीएम लगातार एक दूसरे पर सवालों की बौछार कर रहे हैं एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने pcc चीफ कमलनाथ से सवाल पूछाते हुए कहा कि सत्ता हमारे लिए साध्य नहीं है, साधन है। अनेको योजनाओं के माध्यम से निरंतर हम प्रयास कर रहे हैं कि प्रदेश के विकास के माध्यम से भी जनता की सेवा और जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से भी सेवा हो। लेकिन कांग्रेस केवल सत्ता के लिए राजनीति करती चली आई है।
सवा साल में कांग्रेस ने क्या किया-शिवराज
कांग्रेस के वचनपत्र में कमलनाथ ने कहा था कि सहायक कृषि आधारित उद्योगों जैसे पशुपालन, डेयरी विकास, कुक्कुट पालन और मत्स्य पालन उद्यानिकी लाभ के लिए किसानों को प्रोत्साहन देंगे। रियायती ब्याज दरों पर पाँच वर्ष बैंक लोन उपलब्ध करवाने का वचन दिया था। सवा साल में कांग्रेस ने क्या किया? कमलनाथ इस बात का जबाब दें। बताये सत्ता प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाकर झूठ बोलने के बाद वचन देना और फिर जवाब ना देना।
भगवान से डरें, ना करें झूठी घोषणाएं- कमलनाथ
वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने पलटवार करते हुए cm शिवराज से पूछा कि झूठइ लेना, झूठइ देना। झूठइ भोजन, झूठ चबेना। बोलहिं मधुर बचन जिमि मोरा। खाइ महा अहि हृदय कठोरा। शिवराज जी, आप जैसी झूठ की मशीनों के लिए सदियों पहले रामचरितमानस में यह चौपाई लिखी गई थी। इसलिए भगवान से डरिए और झूठी घोषणाएं बंद कर दीजिए।जनता को पुरानी झूठी घोषणाओं का हिसाब दीजिए। आपने भाजपा के दृष्टि पत्र में घोषणा की थी कि हम ढाई लाख करोड़ रुपयों के निवेश के माध्यम से प्रदेश के सिंचित क्षेत्र को अगले 5 वर्षों में दोगुना करेंगे। जनता को सच बताइए कि कितना सिंचित क्षेत्र इस कार्यकाल में बढ़ाया या सिर्फ भ्रष्टाचार ही दोगुना किया है।