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 एमपी विधानसभा में अब नही बोल पाएंगे पप्पू, मामू और फेकू जैसे शब्द,1161 वाक्य असंसदीय घोषित

 एमपी विधानसभा में अब नही बोल पाएंगे पप्पू, मामू और फेकू जैसे शब्द,1161 वाक्य असंसदीय घोषित

  • विधानसभा सचिवालय ने संसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह पुस्तक तैयार की
  • पहल का स्वागत शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ दोनों ने किया है
  • विधायकों द्वारा बोले गए ऐसे 1161 वाक्य अससंदीय घोषित 

भोपाल:
एमपी विधानसभा का सत्र 9 अगस्त को शुरू हो रहा है| इस बार के विधानसभा सत्र मे एक बड़ा बदलाव किया गया है, अब विधायको को विधानसभा मे अपनी बात रखने के लिए शब्दो का चयन सोच समझ के करना होगा| विधानसभा में शब्दों की आचार संहिता लगा दी गई है| विधानसभा की बैठकों में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के दौरान असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हैं, जिसमे बंटाधार, पप्पू, फेंकू, मामू, मंदबुद्धि और झूठ जैसे 1161 शब्द शामिल है| विधानसभा ने 1954 से अब तक के इतिहास में सदन में विधायकों द्वारा बोले गए ऐसे 1161 वाक्य अससंदीय घोषित कर दिये है जिनमें चोर, उचक्का, 420, झूठ, चोर, पागल, बकवास, भ्रष्ट, शैतान, लफंगा जैसे शब्दों का उपयोग किया गया है।

विधानसभा सचिवालय ने संसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह पुस्तक तैयार की है। जिसका विमोचन विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में किया। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ गोविंद सिंह सहित विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य और अधिकारी मौजूद थे। विधानसभा की इस पहल का स्वागत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ दोनों ने किया है |

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि “विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि विधानसभा के लिए शब्दों और वाक्यों की सूची बनाई गई है, जो आमतौर पर सदन में विधायकों द्वारा एक-दूसरे पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं, झूठा जैसा शब्द असंवेदनशील है। विधायकों को 'असत्य' जैसे शब्दों का उपयोग करना चाहिए। दरअसल, ये वे शब्द हैं, जिन्हें सदन की कार्रवाई के दौरान विलोपित करना पड़ता है। इन शब्दों का उपयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 105 (2) के तहत संसद सदस्यों द्वारा नहीं किया जा सकता है।”

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