यूपी पुलिस की छात्रों पर की गई बर्बरता पर हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती

यूपी पुलिस की छात्रों पर की गई बर्बरता पर हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बीते 15 दिसंबर को नागरिकता कानून और नई दिल्ली स्थित जामिया के छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें 100 लोग जख्मी हो गए थे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुए कथित लाठी चार्ज मामले की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को सौंप दी है.
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और जस्टिस विवेक वर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश पुलिस कार्रवाई के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया.
आयोग को पांच सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएमयू के छात्रों पर 15 दिसंबर, 2019 को पुलिस द्वारा हिंसा के खिलाफ जनहित याचिका पर अपना फैसला को सुरक्षित रख लिया था, जिस पर मंगलवार को फैसला सुनाया गया.
वहीं राज्य सरकार की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया और पुलिस कार्रवाई का बचाव किया.
राज्य ने दलील दी कि विश्वविद्यालय का गेट छात्रों द्वारा तोड़ दिया गया था और विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध पर पुलिस ने हिंसा में लिप्त विद्यार्थियों को काबू में करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश किया और इस कार्रवाई के दौरान कोई अतिरिक्त बल प्रयोग नहीं किया गया.