प्रदेश के 21 ज़िले बर्ड फ्लू की चपेट में, इन 18 जिलों में हुई इसकी पुष्टि, अब तक 1500 कौओं एवं जंगली पक्षियों की मौत

मध्यप्रदेश/भोपाल – कोरोना के बाद अब मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा अब तेजी के साथ बढ़ने लगा हैं। प्रदेश के 21 ज़िले इसकी चपेट में आ चुके हैं। जबकि 18 जिलों के कौओं और जंगली पक्षियों के नमूनों में बर्ड फ्लू का संक्रमण पाया गया हैं। मध्य प्रदेश में 18 जिलों (18 Districts) – इंदौर, मंदसौर, आगर मालवा, नीमच, देवास, उज्जैन, खण्डवा, खरगोन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, भोपाल, होशंगाबाद, अशोक नगर, दतिया और बड़वानी में कौओं और जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी हैं।
वहीं, प्रदेश में 26 दिसंबर से अब तक करीब 1500 कौओं एवं जंगली पक्षियों की मौत हुई हैं। जिसकी जानकरी एक अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला को विभिन्न जिलों से अब तक 334 नमूने जांच के लिये भेजे जा चुके हैं।
इसके अलावा, प्रदेश के तीन जिलों इंदौर, नीमच एवं आगर मालवा में मांस की दुकानों में रखे गये करीब 600 मुर्गे-मुर्गियों को मार कर दफनाया गया हैं।
इधर, मध्यप्रदेश पशुपालन विभाग के संचालक डॉ. आर के रोकडे ने बताया की जहां भी कौओं में बर्ड फ्लू पाया गया, वहां इसको फैलने से रोकने के लिए एक किलोमीटर के दायरे में जितनी भी चिकन दुकानें हैं, उनमें रखे गये मुर्गे-मुर्गियों को मारा गया हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी कुक्कुट फार्म में अब तक मुर्गे या मुर्गी में बर्ड फ्लू नहीं पाया गया हैं।
वहीं, बर्ड फ्लू का खतरा रोकने के लिए राज्य शासन द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। जबकि, दूसरी तरफ शासन द्वारा गाइड लाइन भी जारी कर दी गई हैं। गाइड लाइन के अनुसार, पीपीई किट पहनना अनिवार्य हैं।
इसके अलावा कुक्कुट पालकों में अनावश्यक भ्रम या भय की स्थिति उत्पन्न न होने देने तथा अफवाहों से सावधान रहने तथा कुक्कुट उत्पादों के उपयोग के संबंध मे तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। समस्त जिलों में रोग नियंत्रण की कार्यवाही भारत सरकार की एडवाइजरी अनुसार की जा रही हैं।
बता दे की मध्यप्रदेश के अलावा केरल, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई हैं। गुजरात और हरियाणा के कुछ और जिलों से भी सैंपल भोपाल लैब को मिले हैं। इसके अलावा भोपाल की हाई सिक्यूरिटी लैब को छत्तीसगढ़ और झारखंड के रांची से भी सैंपल भेजे गए हैं।