E-pass : भोपाल और उज्जैन कि सीमाएं अब भी सील, E-pass के नियमों में भी किये गए बड़े बदलाव
भोपाल
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलो के मद्देनज़र प्रदेश सरकार ने प्रदेश से बाहर जाने वाली और अंदर वाली E-Pass दिए जाने के नियमों में कुछ बदलाव किया है। इसके नियमो में इसलिए बदलाव जरूरी है ताकि कोई भी संक्रमित व्यक्ति प्रदेश कि सीमा में प्रवेश न कर सके।
ये हैं नए नियम
अब प्रदेश के अंदर आने की उनलोगों को मनाही होगी जिनका शहर या एरिया हॉटस्पॉट (Hotspot) जोन में आता हो। ऐसे जगहों और लगों के लिए इ-पास जारी नहीं किया जाएगा। अगर कोई अभिवावक अपने बच्चों को दुसरे जिले या प्रदेश से लाना चाहते हैं तो उन्हें दो पास लेने कि आवयश्कता नहीं होगी। वे एक ही पास से आ-जा पायेंगे। अगर आपको प्रदेश से बाहर आना-जाना हो तो आपके पास खुद कि गाडी होना जरूरी है। उसमें दो लोगों के बैठने का नियम पहले ही तय किया जा चूका है। एक से दूसरे जिलों में काम से आने-जाने वाले मजदूरों और ठेकेदारों को उनके आवेदन के आधार पर पास जारी किया जाएगा।
भोपाल में कोरोना (COVID-19) के बढ़ते संक्रमण के कारण यहां की सीमाएं पूरी तरह सील हैं। आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. बाहर का कोई भी व्यक्ति ना तो यहां आ सकता है और ना ही यहां से बाहर जा सकता है। यही वजह है कि मध्य प्रदेश से बाहर आने-जाने के लिए सरकार ने अभी ई-पास की व्यवस्था की है। बेहद जरूरी या इमरजेंसी होने पर ही ई-पास जारी किया जाएगा। इंदौर, भोपाल, उज्जैन में आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इन जिलों में केवल दो ही कंडीशन में ई-पास बनाने की छूट दी जाएगी। किसी की मृत्यु होने पर या मेडिकल इमरजेंसी होने पर. इन दो परिस्थितियों को छोड़कर बाकी किसी को भी इन जिलों में आने-जाने की इजाजत नहीं होगी। हॉटस्पॉट वाले जिलों से आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।