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जनता को रहना होगा तैयार, क्योंकि मप्र में अभी नहीं थामा है उपचुनाव का दौर, ये है इसका कारण

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट –  मध्यप्रदेश में मार्च के माह में प्रदेश सेे कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) गिर गई थी। जिसका कारण था ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और उनके 22 समर्थकों का इस्तीफा। 22 समर्थकों के त्यागपत्र के बाद कांग्रेस के तीन अन्य विधायक भी कांग्रेस (Congress) छोड़ भाजपा (BJP) में शामिल हो गए। जिसके चलते उपचुनाव के हालात बने। जबकि 3 सीटें विधायकों के निधन के बाद से रिक्त थी। यहीं कारण था कि प्रदेश की 28 सीटों पर 3 नवंबर को मतदान हुआ। जिसका फैसला अब 10 नवंबर को आएगा। 

हालांकि, मप्र में अभी उपचुनाव (By Election) का दौर थमा नहीं है, इस चुनाव के बाद एक बार फिर मप्र की जनता को उपचुनाव के लिए तैयार रहना होगा।

दरअसल, दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी (Rahul Singh Lodhi) के इस्तीफे के बाद दमोह सीट रिक्त हो गई। संविधान (Constitution) के नियम अनुसार सीट रिक्त होने के छह माह के अंदर चुनाव करवाना आवश्यक होता है ऐसे में दमोह सीट पर भी उपचुनाव जल्द ही संपन्न होगा।

बताते चले कि चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा प्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव संबंधी सभी कागजी कार्यवाही पूरी कर ली गई थी। ऐसे में उस समय इन 28 सीटों के साथ दमोह (Damoh) में भी उपचुनाव करवा पाना संभव नहीं था। लेकिन अब आने वाले दिनों में दमोह सीट पर भी उपचुनाव होगा। 

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