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छतरपुर: बिजली अफसरों की प्रताड़ना से तंग आकर एक किसान ने की खुदखुशी, क्षेत्र में मचा हड़कप, अफसरों के नाम लिखा सुसाइड नोट

छतरपुर: बिजली अफसरों की प्रताड़ना से तंग आकर एक किसान ने की खुदखुशी, क्षेत्र में मचा हड़कप, अफसरों के नाम लिखा सुसाइड नोट

  • मेरे शव के टुकडे-टुकडे करके बेच कर अपना पैसा वसूल लेंना.
  • मै बिजली विभाग की बेइज्जती से आहत हूं, जिसकी वजह से आत्महत्या कर रहा हूं.

छतरपुर/राजकमल पांडे। प्रदेश में कोई भी किसान, घरेलू या आद्यौगिक बिजली सीमित ही इस्तेमाल करता है, पर मध्यप्रदेश में जिस तरह बिजली के बिल आते हैं उस लिहाज से प्रदेश की जनता की पांव तले जमीन खिसक रही है. और बाद इसके जब बिजली विभाग बिल की वसूली में निकलते हैं, तो उससे यह जान पड़ता है कि प्रदेश सरकार ने बिजली विभाग के रूप में प्रदेश पर गुंडा टैक्स वसूलने के लिए कार्यालय खोल रखा है. ज्ञात हो कि बिजली विभाग की उदासीन रवैया से अब लोग आत्महत्या पर उतर आए हैं. ऐसा ही एक मामला छतरपुर से आ रहा है जहां किसान बिजली विभाग के वसूली वाले रवैया से आहत होकर एक किसान ने आत्महत्या कर ली है.
मातगुवां थाना कस्बा में रहने वाले एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मृतक चक्की चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. मृतक के परिवार का आरोप है कि बिजली बिल जमा न किए जाने पर ग्रामीणों के सामने बिजली विभाग ने न केवल बेइज्जती की, बल्कि सामान कुर्क कर लिया है. जिससे आहत होकर उसने खुदखुशी कर ली. मृतक के परिवारजनों ने उक्त मामले की जांच की मांग की है. मातगुवां निवासी मुनेन्द्र राजपूत आयु 35 वर्ष ने बुधवार को करीब दोपहर एक बजे के दरमियान खेत में पेड़ से लटककर खुदखुशी की है. मृतक के भाई के बताए मुताबिक बिजली विभाग द्वारा कुर्की करने से भाई आहत व मानसिक रूप से परेषान हो गया था. जिससे उसने फांसी लगी ली. लोकेन्द्र का कहना है कि साल भर से कोई आमदनी नही थी. वहीं रीडिंग से अधिक बिल आते थे तथा मुनेन्द्र पर 87 हजार रूपए का बिल बिल बकाया था. जिससे वह बहुत परेशान था. और इसी बिजली विभाग के द्वारा कुर्की किए जाने से वह और परेशान हो गया था. 
गौर तलब है कि कलेक्टर छतरपुर शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि ग्राम मातगुवां के मृतक कृषक के परिजनों को 25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई है. साथ ही मृतक के पिता पेंशनर हैं और उसका भाई लोकेन्द्र बिजली विभाग में कार्यरत है. पुलिस उक्त मामले की जांच पर जुटी है कि आखिर मृतक ने क्यों फांसी लगाई.
मुनेन्द्र का सुसाइड नोट
मुनेन्द्र ने अपने सुसाइड नोट में कहा कि मैं आपकी सरकार से संतुष्ट हूं, लेकिन आपके निचले स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से बिजली विभाग का मुझे करीब 80 हजार रूपए बकाया बिल का देना है. लाॅकडाउन और पारिवारिक स्थिति ठीक न होने से बिल नहीं दे पाया. इसके बाद बिजली विभाग के कर्मचारी आए और मेरी चक्की, मोटर और मोटर साइकिल उठाकर ले गए. इतना ही नहीं गांव के लोगों के सामने मुझे खूब बेइज्जत भी किया. ये प्रताड़ना मैं बर्दाश्त नही कर पाया और आत्महत्या कर रहा हूं. मेरी मौत के बाद मेरा शरीर अधिकारियों को दे देना, जिससे वो शव के टुकडे-टुकडे बेचकर अपना पैसा वसूल कर लें.

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