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मध्यप्रदेश में फिर तेजी से फैल रहा नक्सली मूवमेंट, जानिए क्या है पूरी खबर

मध्यप्रदेश में फिर तेजी से फैल रहा नक्सली मूवमेंट, जानिए क्या है पूरी खबर 

 

  • डिंडौरी जिले को नक्सली प्रभावित जिला घोषित किया
  • आदिवासियों के पिछड़ेपन का फायदा उठाते हैं नक्सली

 

मध्यप्रदेश: प्रदेश में नक्सलियों का नेटवर्क धीरे धीरे फिर तेजी से फैल रहा है यही कारण है कि अभी तक बालाघाट और मंडला नक्सल प्रभावित जिले थे, लेकिन अब केंद्र सरकार ने डिंडौरी जिले को भी नक्सली प्रभावित जिला घोषित कर दिया। बीते दो दशक में यह प्रदेश का तीसरा जिला है जो नक्सली प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया।

बालघाट, मंडला के बाद अब डिंडौरी में नक्सली नेटवर्क बढ़ने से वहां मौजूद पुलिस की सुरक्षा और चौकसी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 2012 में डिंडौरी को नक्सली नक्शे से हटा दिया गया था लेकिन वहा लापरवाही बरतने के कारण अब फिर से नक्सलियों ने अपनी जड़ों को इस जिले में मजबूत कर लिया है, जो पुलिस के लिए अब चुनौती बन गया है। बताया जा रहा है कि पुलिसबल की कमी होने के कारण ही नक्सलियों ने डिंडौरी में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। बता दें कि डिंडौरी जिले की सीमा बालाघाट और मंडला जिले से लगी हुई है।

मध्य प्रदेश का डिंडौरी जिला अमरकंटक के जंगलों से लगा हुआ है, घने जंगलों वाले क्षेत्र ही नक्सलियों के लिए सेफ जोन होता है मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अमरकंटक में नक्सलियों के सुरक्षित कॉरिडोर के बीच कई नदियां भी है। बारिश का मौसम शुरु होते ही नक्सली इन जंगलों में डेरा डाल लेते है और बरसात के दिनों में वही रहते हैं।

नक्सली समाजसेवा के नाम पर स्थानीय लोगों को विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं और नक्सली कैम्प लगा कर दल में शामिल सदस्यों को तैयार करते हैं। नक्सली मासूम गांववालों के बीच अपनी विचारधारा का प्रचार करते हैं और उन्हें बरगलाते हैं नक्सली खासकर उन इलाकों को टारगेट करते है जहां घना जंगल हो और आवागमन के लिए समान सड़के न हो ताकि वे सुरक्षाबलों की पहुंच से दूर रह सके।

बता दे, बीते दिनों नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने वाले गिरोह का भांडाफोड हुआ था जिनसे पूछताछ में पता चला था कि वे अलग-अलग राज्यों से हथियार खरीद कर मध्यप्रदेश की सीमा से लगे जिलों के द्वारा हथियारों की सप्लाई कर नक्सलियों तक पहुंचाते थे। गौरतलब है की प्रदेश में नक्सलियों ने बीते कई वर्षो में किसी भी बड़ी वारदात को अंजाम नही दिया है। लेकिन गौर करने वाली बात ये है की जिस जिले को नक्शली नक्शे से हटा दिया गया था, वहां पर ऐसी लापारवाही क्यू बरती गई जिससे फिर से अब उसे नक्सली प्रभावित क्षेत्र घोषित करना पड़ा। 

 

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