सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नई गाइडलाइन, कंटेंट को सरकार करेगी कंट्रोल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नई गाइडलाइन, कंटेंट को सरकार करेगी कंट्रोल
नई दिल्ली/राजेश्वरी शर्मा: देश, विदेश, राज्य, सरकार, आमजन, हम सभी सोश्ल मीडिया से जुड़े हुए है। करोड़ो लोगो का सोश्ल मीडिया प्लैटफ़ार्म से जुड़ना आज के सनमय मे बेहद आम बात है। लेकिन सोश्ल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों की निजता और सुरक्षा का विषय सबसे महत्वपूर्ण है।
टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज उन गाइडलाइन्स के बारे में बताया है जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को फॉलो करना होगा। उन्होंने कहा कि ये गाइडलाइन फॉलो करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों के पास 3 महीने का समय होगा। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया भारत में बिजनेस कर सकता है, इसमें कोई दिक्कत नहीं है। सोशल मीडिया ने आम इंडियन को मजबूत किया है। इसके लिए हम सोशल मीडिया की तारीफ भी करते है।
रविशंकर प्रसाद के मुताबिक भारत में सोशल मीडिया का दोहरा चरित्र (डबल स्टैंडर्ड) दिखता है। दूसरे देशों में ऐसा नहीं है। हाल ही में लाल किला के मामले पर उन्होंने कहा कि भारत में सोशल मीडिया का डबल स्टैंडर्ड दिखता है। इसलिए ऐसा नहीं चलेगा और उन्हें रेस्ट्रिक्शन फॉलो करना होगा।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया यूजर्स को उनकी समस्या का समाधान करने का कोई प्लेटफॉर्म दिया जाए। ये ऑप्शन मिले कि टाइम बाउंड मैनर में उनकी समस्या का समाधान मिले।
सोश्ल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए मुख्य दिशानिर्देश….
1) टेक कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी जिससे की उपभोगता अपनी समस्याओं की शिकायत दर्ज करा सके।
2) चीफ कंपलायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी।
3) कानूनी एजेंसियों से तालमेल के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।
4) हर छह महीने में शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।
5) कोई भी आपत्तीजनक कंटेंट का ऑरिजिन बताना होगा, की इस कंटेंट की शुरुवात कहाँ से हुई थी।
6) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्वच्छैकि वैरिफिकेशन यूजर का ऑप्शन देना होगा।
7) अगर किसी यूसर का कंटेंट हटाया जा रहा है तो उसे हटाने के पीछे की स्पष्ट वजह यूसर को बतानी होगी।
8) सोशल मीडिया कंपनियों को ग्रिवांस रीड्रेसल मैकेनिज्म रखना होगा और एक शख्स होगा जिसे आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। शिकायत के बाद कंटेंट को हटाना होगा जो महिला से जुड़ा होगा।
9) एक्शन प्लान की रिपोर्ट देनी होगी: सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में नोडल ऑफिसर रखना होगा, चीफ कंप्लाइंस ऑफिसर रखना होगा, रेसिडेंट ग्रिवांस ऑफिसर रखना होगा। हर महीने रिपोर्ट देना होगा कि कंपनियों ने क्या किया, कितने पोस्ट डिलीट किए और क्या ऐक्शन लिया गया है।
10) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई गलत जानकारी है तो सरकार के कहे जाने पर उस कंटेंट को हटाना पड़ेगा
इन नियमों से एक बात तो साफ है की सरकार ने सोश्ल मीडिया को रेगुलेट करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह दिशानिर्देश जताते है की कहीं न कहीं सोशल मीडिया के कंटेंट को अब सरकार द्वारा कंट्रोल किया जा सकेगा।
इससे सरकार अब सरकार विरोधी कंटेंट को डिलीट आसानी से कर पाएगी।
इन दिशा निर्देशों मे लोगों की निजता व सुरक्षा का ध्यान बेशक रखा गया है परंतु अगर सरकार किसी भी कंटेंट को आपत्तीजनक करार करती है तो ऐसे कंटेंट मे वह कंटेंट भी शामिल होंगे जो सरकार के खिलाफ होंगे या जो सरकार की खामियों को दर्शाने वाले होंगे। अगर सरकार ने ऐसे कंटेंट को हटाने की कोशिश की तो यह लोकतन्त्र के लिए चिंता का विषय है।
इससे शब्दों की, विचारों की व लोकतन्त्र की स्वतन्त्रता खत्म होने का भय है…..