सिहोरा नायब तहसीलदार राहुल मेश्राम का नायाब काम ,बिना कागज़ जाँचे दर्ज किया मामला
आज मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले की तहसील सिहोरा में एक सरकारी अधिकारी की ग़ैर -ज़िम्मेदारी हरकतों ने सभी को हैरान कर दिया हैं
दरअसल शासकीय कार्य के लिए टैक्टर- ट्राली जा रहे थे , वार्ड नंबर 1 में खैरमाई मंदिर के समीप शासकीय गेट के निर्माण कार्य के लिए गिट्टी ले जा रहा था ,तभी अचानक बाहय नाला के पास नायब तहसीलदार राहुल मेश्राम की गाड़ी आती हैं ,जिसमे साहब राहुल मेश्राम ,नितिन क़ुररिया (सिहोरा पटवारी के छोटे भाई ) टैक्टर को हाँथ दिखाकर ,रौबदार तरीक़े से रोकते हैं ,ख़ैर रौब तो सरकारी अफ़सर में ना हो ऐसा कैसे हो सकता हैं ? लेकिन जब ऐसे रौबदारी शासकीय अफ़सर अपने निजी कार्य के लिए अशासकीय लोगों को अपने पास रखते हैं ,तो प्रश्न यहाँ भी उठता हैं ? ,तभी टैक्टर- ट्राली गाड़ी क्रमांक एमपी 21 -ए ए 1409 में 100 फिट गिट्टी रोकी गई ,साहब राहुल मेश्राम गाड़ी के अंदर से आदेश देते हैं ,न कोई बात -चीत ,ना कोई कागज देखा (legal documents ) ,साहब ने की फ़र्जी कार्यवाही
“गाड़ी को थाने डालो ” साहब का फ़रमान सुनने से ड्राइवर प्रीतम विश्वकर्मा उर्फ़ बंटी ने सवाल किया, क्या हुआ साहब हमने क्या किया हैं?
तभी ड्राइवर से तेज टर्राहट होने लगीं ,फिर क्या साहब ने जो प्राइवेट लोगों को रख़ा हैं ,वही गाड़ी डायरेक्ट चालू करके थाने ले जाकर मामला दर्ज़ करते हैं |
इन सब के बीच नायब तहसीलदार से कई बार बोला गया हमारे काग़ज़ चेक कर लीजिए ,लेकिन साहब तो साहब कहाँ मानने वाले थे |
नायब तहसीलदार राहुल मेश्राम की दो टूक कहा “मामला दर्ज़ कर दिया हैं अब SDM से तुम निपटना ” साहब ने जरुरी नहीं समझा कागज देखना |
आम आदमी को परेशान करने का नया तरीका, नए अधिकारी के नए नियम
कहते है जनता के हितों रक्षा करने वाला प्रशासन ही जब मुहदेखी व अपने जेब का ध्यान रखकर काम करने लगे तो लोगों को न्याय कैसे मिलेगा? ऐसा नायब तहसीलदार ने एक गिट्टी से भरे ट्रेक्टर को पकड़ लिया जबकि ट्रेक्टर मालिक के पास सभी जरूरी कागज थे उन्होंने कागज भी दिखाये लेकिन कहते है कुर्सी की गर्मी का असर अधिकारीयों को तो होना स्वभाव है ऐसे में नायब तहसीलदार ने ट्रेक्टर ट्राली जप्त कर सिहोरा थाना में खड़ी करवा दी साथ ही जब ट्रेक्टर मालिक ने गिट्टी परिवहन सहित ट्रेक्टर ट्राली के सभी कागज नायब साहब को दिखाए तो उन्होंने लीगल कागज
(legal documents) को अनदेखा किया और मामला दर्ज़ किया
- कुछ बड़े सवाल -क्या ऐसी शासकीय कार्यवाही के लिए अशासकीय लोगों को रखना जरुरी हैं ?
- -न कोई बात -चीत ,ना कोई कागज देखा (legal documents )फ़िर भी किया मामला दर्ज़ ,क्यों ?