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सिहोरा : यहां आयुर्वेद के नाम पर हो रहा था एलोपैथी का इलाज, श्रीयम क्लीनिक को प्रशासनिक अमले ने किया सील देखें video 

सिहोरा : यहां आयुर्वेद के नाम पर हो रहा था एलोपैथी का इलाज, श्रीयम क्लीनिक को प्रशासनिक अमले ने किया सील देखें video 

  • एक माह पहले हुई थी शिकायत, 
  • SDM के निर्देश पर डॉक्टरों ने की थी जांच, 
  • रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर और CMHO के निर्देश पर हुई कार्यवाई

देखें video – https://www.facebook.com/111571187006513/posts/192939188869712/
द लोकनीति डेस्क सिहोरा 
प्रशासनिक अमले और डॉक्टरों की टीम ने शनिवार सुबह सिहोरा सिविल हॉस्पिटल के सामने स्तिथ श्रीयम क्लीनिक को सील कर दिया। बता दे कि एक माह पहले SDM को शिकायत की गई थी कि श्रीयम क्लीनिक में आयुर्वेद की डिग्री है लेकिन मरीजों का इलाज़ अंग्रेजी दवाओ से किया जा रहा था । शिकायत को संज्ञान में लेते हुए SDM ने 3 डॉक्टरों का जांच दल बनाकर संबंधित क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन और डिग्री की जाँच के निर्देश दिए थे। डॉक्टरों की जांच में यह बात सामने आयी कि क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन और डिग्री आयुर्वेद के नाम पर है। 

क्या है पूरा मामला  ??


सिहोरा SDM चंद्र प्रताप गोहिल ने CMHO रत्नेश क़ुररिया को भेज दी। CMHO ने मामले की जानकारी कलेक्टर जबलपुर को देते हुए श्रीयम क्लीनिक के संचालक आयर्वेदिक डॉ.आशीष शुक्ला एवं कामिनी शुक्ला के श्रीयम क्लीनिक सिहोरा की शिकायत के जांच प्रतिवेदन के आधार पर दोनों चिकित्सकों के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने हेतु सिहोरा के प्रशासनिक अमले और डॉक्टरों को निर्देशित किया। CMHO के आदेश पर नायब तसीलदार सिहोरा राहुल मेश्राम ,सिहोरा सिविल हॉस्पिटल के प्रभारी डॉक्टर आर पी त्रिपाठी ,डॉक्टर सुनील लटियार ,डॉक्टर चेतन जैन ,लेखापाल नरेश शुक्ला श्रीयम क्लीनिक पहुंचे। 

 संचालक को दिखाया आदेश ,सील की क्लीनिक 

 
क्लीनिक पहुंची प्रशासन और डॉक्टरों की टीम ने क्लीनिक संचालक डॉ आशीष शुक्ला को पहले तो क्लीनिक पर कार्रवाई का आदेश दिखाया और पूरे मामले की जानकारी दी। संचालक की उपस्तिथि में क्लीनिक को सील करने की कार्रवाई शुरू हुई। क्लीनिक के मुख्य द्वार और गेट पर ताला लगाकर शासन की सील लगाकर बंद कर दिया गया। 

कार्रवाई पर उठे सवाल ,25 से ज़्यादा आयुर्वेदिक डिग्री डॉक्टर लेकिन एलोपैथी से कर रहे इलाज़ 


प्रशासन और जांच दल के डॉक्टर खुद इस बात को स्वीकार कर रहे है कि सिर्फ़ सिहोरा खितौला में 25 से ज़्यादा ऐसे क्लीनिक है जिनका रजिस्ट्रेशन तो आयर्वेद का है लेकिन वे अपने क्लीनिकों में मरीजों को एलोपैथी (अंग्रेजी दवाई लिखना और इलाज़ ) पध्दति से इलाज कर रहे है। ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की यह ज़िम्मेदारी नहीं बनती है की ऐसे चिकित्सको पर कार्रवाई की जाए जो मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे है। अमला सिर्फ़ यह बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है कि उनके खिलाफ़ जल्द कार्रवाई की जायेगी। जब द लोकनीति ने इस बात को लेकर सवाल उठाने शुरू किये ऐसे क्लीनिकों की लिस्ट मांगी तो अधिकारी गोलमोल ज़बाब देते नज़र आये क्या यह कार्रवाई केवल दिखावे के लिए या वाक़ई प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देना चाहता क्योंकि सिहोरा सिविल अस्पताल के इंचार्ज मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर आर. पी. त्रिपाठी  कहते है जब कोई शिकायत करेगा तब हम कार्रवाई करेंगे ,मतलब शासन -प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। 
क्या है नियम  मध्यप्रदेश स्वास्थ्य  के अनुसार कोई भी चिकित्सक जिस विधा का डिग्री धारी हैं उसी पध्दति में वह मरीजों को दवा लिख सकता हैं औऱ इलाज कर सकता हैं ।किसी दूसरी विधा का इलाज करने पर सम्बंधित डॉक्टर का लाइसेंस रद्द औऱ सख्त कार्यवाही का प्रावधान हैं।
 

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