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सिवनी : महिलाओं ने श्रद्धापूर्वक रखा चातुर्मास का अन्तिम महालक्ष्मी, जीवोत्पुत्रिका व्रत

महिलाओं ने श्रद्धापूर्वक रखा चातुर्मास का अन्तिम महालक्ष्मी, जीवोत्पुत्रिका व्रत

“सोलह बोल की एक कहानी” के साथ हुआ चातुर्मास का समापन

सिवनी से महेंद्र सिंघ नायक की रिपोर्ट : –  देश की तरह सिवनी जिले में भी श्रद्धालु महिलाओं ने चातुर्मास का अन्तिम व्रत महालक्ष्मी, जीवोत्पुत्रिका व्रत पूरे हर्षोल्लास से आनन्द पूर्वक मनाया। इस पावन पर्व पर व्रत रख महिलाओं ने अपने पुत्र पौत्र के सुखमय जीवन के साथ परिवार में अखंड लक्ष्मी की मंगलकामना की।
      अश्विनी माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को सुबह से ही पवित्र जलाशयों, नदियों में स्नान करके व्रत आरम्भ किया। सम्पूर्ण दिवस निराहार रहकर सायंकाल गजलक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर विधिपूर्वक पूजन अर्चन किया। वेदपाठी ब्राह्मण के मुख से व्रत कथा सुनकर, “सोलह बोल की एक कहानी” कहते हुए व्रत सम्पूर्ण किया।
        इस तरह महालक्ष्मी जीवोत्पुत्रिका व्रत के साथ ही महिलाओं के पूजन अर्चन के विशेष काल चातुर्मास का समापन हुआ।

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