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बेरोजगारी से परेशान चयनित शिक्षक, कर रहे इंतजार, चिकित्सा शिक्षा मंत्री का कहना " जल्द होगी भर्ती प्रक्रिया पूरी", भर्ती अटकाने की जिम्मेदार कांग्रेस

बेरोजगारी से परेशान चयनित शिक्षक, कर रहे इंतजार, चिकित्सा शिक्षा मंत्री का कहना ” जल्द होगी भर्ती प्रक्रिया पूरी”, भर्ती अटकाने की जिम्मेदार कांग्रेस

 द लोकनीति डेस्क:गरिमा श्रीवास्तव 

कोरोना काल में बेरोजगारी बहुत ज्यादा बढ़ गई है.सीएमआईई के मुताबिक जुलाई के महीने में बेरोजगारी दर 9.2 फ़ीसदी ज़्यादा पहुंच गई है.
 एक रिसर्च के मुताबिक करीब 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए. पर फिर भी सरकार बेरोजगारी दूर करने की जगह लगातार महंगाई बढ़ाती जा रही है

 मध्य प्रदेश के करीब 30000 शिक्षक कर रहे नियुक्ति का इंतजार:

 मध्यप्रदेश में 2018 से चयनित में शिक्षक अब तक अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. शिवराज सरकार द्वारा इन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है.  सरकार इन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं कर रही है और नतीजा यह हो रहा है कि नौकरी होते हुए हजारों शिक्षक बेरोजगार हैं. और इस महंगाई में अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए छोटे-छोटे काम करने को मजबूर हैं.
 रीवा के रहने वाले विपिन ने कर्ज लेकर B.Ed किया और परीक्षा की तैयारी की . उस वक्त वह एक स्कूल में पढ़ा भी रहे थे.लेकिन शिक्षक भर्ती में चयनित होने के बाद प्राइवेट स्कूल में उन्हें यह कहकर निकाल दिया कि आप कभी भी जा सकते हैं. पर वह जाते तो तब जब उनकी नियुक्ति होती. 2018 के चयनित शिक्षक की नियुक्ति को लेकर इंतजार कर रहे हैं.
 विपिन पटेल ने बताया कि प्राइवेट स्कूल हमें यह कह कर निकाल दे रही है कि आपको सरकार कभी भी बुला सकती है, ऐसे में हालात यह हो गए हैं कि ना तो हम प्राइवेट स्कूल के रह गए और ना ही सरकार ने हमें अब तक बुलाया है.

एमपी में शिक्षकों के 50,000 से ज्यादा पद खाली पड़े थे 2018 में 30594 पदों के लिए परीक्षा कराई गई. फरवरी 2019 में परीक्षा हुई और अक्टूबर 2019 में परिणाम घोषित किए गए. लेकिन सरकार ने पहले चुनाव का हवाला दिया और फिर कोरोना महामारी का हवाला देकर नियुक्ति लटका दी.

 इस मामले पर मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सरकार हर महीने 100000 लोगों को रोजगार देने का वादा करती है वह चयनित लोगों की भर्ती नहीं करा पाई है ऐसे में रोजगार कहां से देगी.

 2015 से लेखपाल भर्ती अटकी:-

 नियुक्ति ना मिलने से सिर्फ चयनित शिक्षक नहीं परेशान है बल्कि 2015 से लेखपाल भर्ती प्रक्रिया भी अटकी है. 2015 से लेखपाल के 2208 पदों पर नियुक्ति नहीं हुई.

 2017 से पटवारी भर्ती परीक्षा के उम्मीदवार कर रहे इंतजार :-

 2017 से पटवारी उम्मीदवार अपनी भर्ती को लेकर इंतजार कर रहे हैं पर अभी तक उनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. सोशल मीडिया ज्ञापन इत्यादि के माध्यम से लगातार सरकार से यह गुजारिश कर रहे हैं उन्हें जल्द ही सेवा में लिया जाए पर सरकार उन्हें लेकर कोई सुध नहीं ले रही.
 2017 में परीक्षा पास करने वाले करीब 1200 अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया अभी रुकी हुई है.
 चयनित पटवारी का कहना है कि अभी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है पर फिर भी विभाग नई भर्तियां निकालना चाहता है.चले पटवारी ने कहा कि विभाग ने पूर्व की काउंसलिंग में गलतियां की है जिसे छुपाने के लिए नई पटवारी भर्ती निकाली जा रही है.

 बताते चलें कि भर्ती प्रक्रिया को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पहले की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार बनाते रहे हैं. एक बार फिर से उन्होंने सभी भर्ती प्रक्रिया ना पूरी होने को लेकर कमलनाथ की कुछ महीने की सरकार पर निशाना साधा है. विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय सभी व्यवस्थाएं अव्यवस्थाओं में बदल गई थी जिसे सुचारू किया है कोरोना महामारी की वजह से समस्या आ रही है. पर प्रक्रिया चल रही है जो भी चयनित हुए हैं उन्हें जल्द से जल्द भर्ती की जाएगी.

 अब देखना होगा कि मध्य प्रदेश सरकार और कितना लंबा इन चयनितो से कराएगी…

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