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मध्यप्रदेश/ मंत्री बनने के लिए सिंधिया गाँधी परिवार को छोड़कर चले जायेंगे कभी सोचा भी नहीं था- दिग्विजय सिंह

 

  • सिंधिया के लिए 'पावर ऑफ़ हंगर' शब्द का इस्तेमाल किया दिग्विजय सिंह ने

भोपाल: मध्यप्रदेश में सियासी घमासान के बीच बयानों का दौर भी जारी है। दिग्विजय सिंह ने सिंधिया को धोखेबाज नाम से सम्बोधित किया है। और कहा मुझे पता नहीं था कि महाराज राज्यसभा और मंत्री पद के लिए गाँधी परिवार और कांग्रेस को धोखा दे देंगे। और साथ में ये भी कहा कि कुछ लोगों के लिए पार्टी और परिवार से ज्यादा महत्वपूर्ण सत्ता की भूंख होती है।

दिग्विजय सिंह ने कहा मेरे लिए विचारधारा महत्वपूर्ण है

दिग्विजय सिंह ने कहा मेरे लिए सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण विचारधारा है। 2004 से 2014 के बीच मुझे मंत्रिमंडल में शामिल करने का प्रस्ताव आया था पर मैंने मना कर दिया, साथ ही अगर मै चाहता तो अपने जगह से लोकसभा सीट जीतकर मंत्रिमंडल में जा सकता था पर मैंने ऐसा नहीं किया। मेरे लिए विश्वसनीयता और विचारधारा ज़्यदा महत्वपूर्ण है।

राजमाता विजयाराजे सिंधिया चाहती थीं कि मै संघ में शामिल हो जाऊं  

राजमाता विजयाराजे सिंधिया का मै बहुत सम्मान करता हूँ। 1970 के करीब उन्होंने मुझे संघ में आने को कहा था। उस समय मै राघौगढ नगर पालिका का अध्यक्ष था। उस समय मैंने 'बंच ऑफ़ थॉट्स' किताब पढ़ी इसके बाद बहुत से संघ के नेताओं से बात की फिर मैंने विनम्रता से मना कर दिया। मेरे लिए मेरा धर्म मानवतावाद 'इंसानियत' है जो बिलकुल ही हिन्दुंत्व से विपरीत है।  

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