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  साईंखेड़ा :संत नरहरिनन्द तालाब नगर साईंखेड़ा स्थित तालाब समस्त नगरवासियों का श्रद्धा और आस्था का स्थान

 साईंखेड़ा से दीपक अग्रवाल : – संत नरहरिनन्द तालाब नगर साईं खेड़ा स्थित तालाब समस्त नगरवासियों का श्रद्धा एवं आस्था का स्थान है जिसे महान संत नरहरिनन्द के द्वारा लगभग 400 वर्ष पहले बनवाया उनके द्वारा सुंदर घाटों का निर्माण कराया एवं झील मोहल्ला नर्मदा कुटी किनारों को ईटों की दीवाल से पटवा कर अपने शिष्यों को समझा कर कुंभ स्नान हेतु प्रयागराज कुंभ में चले गए ऐसा ग्राम के बुजुर्गों लोगों ने क्रमशः सुनते आ रहे हैं कुंभ से लौटकर सभी तीर्थों का जल इस सरोवर में डलवा कर संत के द्वारा लाल कमल सफेद कमल तालाब में लगवाए गए एवं समय के साथ संत ने तालाब के बीचो बीच जहां आज भी चबूतरा बना है एवं पेड़ लगा है जीवित समाधि लेकर आशीर्वाद स्वरुप यह तलाव ग्राम वासियों एवं क्षेत्र के लोगों को जल पीने एवं पूजन पाठ करने के लिए समर्पित किया गया लगभग 50 वर्ष पहले तक ग्रामवासी क्षेत्रवासी तालाब का पानी पीते थे एवं जल का उपयोग भोजन बनाने में करते थे प्रत्येक पूर्णिमा एवं अमावस्या को पुरुष एवं महिलाएं एवं बच्चे तलाव की परिक्रमा बड़े श्रद्धा भाव से लगाते थे एवं शरद पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा विशेष पर्वों पर हजारों श्रद्धालु परिक्रमा लगा कर नारियल प्रसाद चढ़ाकर पुण्य लाभ लेते थे यह सब ग्राम के बुजुर्ग जिनकी उम्र 60 से 70 या उससे अधिक उन्होंने देखा है इसके सब गवाह है है यह कोई मनगठनत बात नहीं है जिसके आज भी लोग साक्षी हैं अत्यंत दुख का विषय है तलाव के जल जिस जल को शास्त्रों में देवता कहां गया है जिस जल् से मनुष्य जिंदा है घरों के मल मूत्र विसर्जन के शौचालय बनाकर जल को दूषित हो रहा है जिससे जल देवता के साथ-साथ संत की आत्मा को भी कष्ट हो रहा है कथा का विवरण है नरहरिनंद स्वामी की कथा का भक्तमाल मैं बिबरन हैं
भक्तमाल(गूगल इंटरनेट से देख सकते हैं)
गुरु परम्परा
1 : – जगतगुरु स्वामी रामानंदचार्य 
2 : –  स्वामी अनंतानंदचार्य 
3 : –  स्वामी नरहरिनंद
4 : –  गोस्वामी तुलसीदास
यह प्रमाण सभी नेट पर देख सकते है    

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