भारत में लोगों की संस्कृति और धर्म चाहे जो भी, वह हिंदू है – संघ प्रमुख मोहन भागवत
हैदराबाद से खाईद जौहर की रिपोर्ट – नागरिकता कानून को लेकर मचे घमासान के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान चर्चा का विषय बना हुआ हैं। दरअसल बुधवार को मोहन भागवत हैदराबाद के सरूर नगर स्टेडियम में आयोजित 'विजय संकल्प सभा' के मुख्य अतिथि थे। इसमें भाग लेने के लिए करीब 20 हजार संघ कार्यकर्ता अपने गणवेष में पहुंचे थे। इसी दौरान मोहन भागवत ने इशारों में उन लोगों पर भी निशाना साधा जो नागरिकता कानून के बहाने हो रही हिंसा के पीछे के चेहरे और दिमाग हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए लोगों को आपस में लड़ाते भी हैं। उनके मन में भय उत्पन्न करके अपना साधन पूरा करते हैं। उन लोगों का रूप कुछ होता है लेकिन उनकी वास्तविकता स्वार्थी होती हैं।
संघ प्रमुख यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि भारत में पैदा होने वाला प्रत्येक व्यक्ति हिंदू हैं। वे अलग-अलग धर्मों का पालन कर रहे हैं जो अलग-अलग हैं लेकिन सभी भारतीय हैं और भारत माता की संतान हैं। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं आप हिंदुत्ववादी हैं। हमारा देश परंपरा से हिंदुत्ववादी है। कुछ बदलने की आवश्यकता नहीं है।
मोहन भागवत ने कहा कि भारत में लोगों की संस्कृति और धर्म चाहे जो भी, वह हिंदू हैं। हम मिलकर सभी की उन्नति करें, ये विचार हैं। इस विचार को दुनिया हिंदू विचार कहती हैं। वो भारत का पारंपरागत विचार हैं। भारत की मिट्टी में जन्मे सभी विचारधाराओं का वो निष्कर्ष हैं।