अब चीन की खैर नहीं! लैंडिंग के बाद राफेल को तुरंत चीनी सीमा पर किया जाएगा तैनात
अंबाला एयर बेस पर राफेल की लैंडिंग के बाद इसे तुरंत चीनी सीमा पर किया जाएगा तैनात!
नई दिल्ली/गरिमा श्रीवास्तव :- आज यानी 29 जुलाई को राफेल की पहली खेप भारत पहुंच रही है.. राफेल की अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग के बाद इसे तुरंत चीनी सीमा पर तैनात किया जाएगा.. यह एयरक्राफ्ट दोपहर 1:00 से 3:00 तक अंबाला एयर बेस पहुंचेंगे.
राफेल को रिसीव करने भारतीय वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया औपचारिक समारोह में इन विमानों को रिसीव करेंगे.
वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि, ''क्योंकि वायुसेना के पायलट्स और क्रू की (फ्रांस में) राफेल फाइटर जेट्स और उसके हथियारों पर ट्रैनिंग पूरी हो चुकी है इसलिए इन राफेल विमानों को जल्द से (चीन सीमा पर) ऑपरेशनली तैनात कर दिया जाएगा. वायुसेना के मुताबिक, अगस्त महीने के दूसरे भाग में राफेल विमानों की फाइनल इंडक्शन होगी और उस दौरान मीडिया कवरेज होगी.''
भारतीय वायुुसेना को और ताकतवर बनाने वाला राफेल आज भारत आ रहा है। यह लड़ाकू विमान राफेल बिड जीतने के 8 साल 5 महीने 29 दिन बाद अंबाला एयर बेस पर पहुंचेगा। इस दौरान 3 किलोमीटर तक अंबाला एयरबेस को नो ड्रोन जोन घोषित किया गया है।
31 जनवरी 2012 में दैसो राफेल ने 126 एयरक्राफ्ट सप्लाई की एमएमआरसीए बिड जीती थी। जिसके बाद नए सौदे के तहत 10 अप्रैल 2015 को 36 विमान की खरीद की घोषणा की गई..
अब आज 29 जुलाई को 7000 किलोमीटर की दूरी तय कर यह पांच विमानों की खेप भारत पहुंचेगी।
भारतीय वायुुसेना को और ताकतवर बनाने वाला राफेल कल भारत आ रहा है। यह लड़ाकू विमान राफेल बिड जीतने के 8 साल 5 महीने 29 दिन बाद कल अंबाला एयर बेस पर पहुंचेगा। इस दौरान 3 किलोमीटर तक अंबाला एयरबेस को नो ड्रोन जोन घोषित किया गया है।
31 जनवरी 2012 में दैसो राफेल ने 126 एयरक्राफ्ट सप्लाई की एमएमआरसीए बिड जीती थी। जिसके बाद नए सौदे के तहत 10 अप्रैल 2015 को 36 विमान की खरीद की घोषणा की गई..
अब कल यानी 29 जुलाई को 7000 किलोमीटर की दूरी तय कर यह पांच विमानों की खेप भारत पहुंचेगी।
इंडियन एयरफोर्स में कुल 42 स्क्वाड्रन हैं। लेकिन दिसम्बर 2019 में लास्ट मिग-27 फाइटर के रिटायर होने के बाद, स्कवाड्रन नंबर – 29 “नंबरप्लेटेड” यानी डिएक्टिव हो गई थी। दिसम्बर 2019 तक कुलमिलाकर 15 एआईएफ स्कवाड्रन नंबरप्लेटेड हो गईं थीं। जिसके चलते आइएफ के स्क्वाड्रन की संख्या घटकर 42 से 67 हो गई थी। 1970 के बाद पहली बार आईएएफ में इतनी लो स्ट्रेंथ स्क्वाड्रन एक्टिव थी।
जनवरी 2020 में सुखोई-30 एमकेआई के इंडक्ट होने से, आईएएफ में एक्टिव स्क्वाड्रन की संख्या 28 हो गई थी। 28 एक्टिव स्क्वाड्रन के पास 6 अलग-अलग फाइटर जेट थे। जिसमें सुखोई 30 एमकेआ की ग्यारह स्कवाड्रन , तीन मिराज 2000 की स्क्वाड्रन, छह जगुआर की स्कवाड्रन, तीन मिग-29 यूपीजी की स्क्वाड्रन, एक स्वदेशी तेजस की स्क्वाड्रन और मिग-21 की चार स्क्वाड्रन थी।
2016 के बाद मई 2020 में एक बार फिर स्वदेशी तेजस आईएफ में इंडक्ट हुआ, स्क्वाड्रन नंबर – 18 को तेजस से इक्विप्ड किया गया। यह वही स्क्वाड्रन है, जिससे मिग-27 रिटायर हुआ था। इस हिसाब से अभी इंडियन एयरफोर्स की 42 में से 29 स्क्वाड्रन एक्टिव हैं। 29 जुलाई को राफेल, अम्बाला में स्क्वाड्रन नंबर-17 में इंडक्ट किया जायेगा। जिससे कि एआईएफ में एक्टिव स्क्वाड्रन की संख्या 30 हो जाएगी।