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प्राइवेट स्कूल इस बार नहीं बढ़ाएंगे फीस, अभिवावकों पर दवाब भी नहीं बनायेंगे, सरकार ने दिए निर्देश

भोपाल से कुमार की रिपोर्ट
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अभी जंग लम्बी चलने वाली है। यानि कि ऐसा भी हो सकता है कि लॉक डाउन और आगे बढाया जाया। इस लॉक डाउन के चलते लोगों कि रोज़ी-रोटी पर लगाम लग गया है। ऐसे में अपने बच्चों के प्राइवेट स्कूल कि फीस भरना अभिवावकों को काफी महंगा लग रहा है। लेकिन उनकी बोझ को काम करने के लिए राज्य के शिक्षा विभाग ने कुछ निर्देश ज़ारी किये हैं। जिसमे यह भी शामिल है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी निजी स्कूल अपना फेस नहीं बढायेगा। जबकि इन स्कूल में हर साल 10 प्रतिशत फीस कि बढ़ोतरी कि जाती है।

फीस नहीं भर पाने वाले छात्र-छात्राओं का ना काटा जाए नाम

स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल और सरकारी स्कूलों को यह आदेश जारी किया है कि अभिभावकों से फीस की एकमुश्त राशि लेने के लिए उन पर कोई दबाव ना बनाया जाए। प्राइवेट स्कूल पैरेंट्स की सुविधा के मासिक रूप से अथवा न्यूनतम चार किश्त में भी फीस ले सकते हैं। फीस जमा ना करने के कारण किसी भी छात्र या छात्रा का नाम स्कूल से नहीं काटा जाएगा। यदि कोई अभिभावक आर्थिक कठिनाइयों के कारण आपदा अवधि में शुल्क को स्थगित किए जाने का अनुरोध करता है तो निजी स्कूलों को इस पर सकारात्मक रूप से विचार करना होगा और फीस को स्थगित कर बिना किसी विलंब शुल्क के आगामी महीनों में किश्तों के आधार पर लेना होगा।

ऑनलाइन लर्निंग के नाम पर नहीं होगी वसूली 

स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि वर्तमान में निजी स्कूलों में ऑनलाइन अध्यापन कार्य किया जा रहा है निजी स्कूल चाहें तो इसे आगे भी जारी रख सकेंगे या फिर ऑनलाइन लर्निंग शुरू नहीं की है तो शुरू भी कर सकते हैं. लेकिन किसी भी तरह से ऑनलाइन लर्निंग की एक्स्ट्रा फीस अभिभावकों से नहीं ली जाएगी. वहीं स्कूलों में कार्यरत शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ को नियमित रूप से वेतन का भुगतान किया जाएगा. अभिभावकों पर बाहर से बुक खरीदने का दबाव नहीं बनाया जाएगा. बोर्ड की किताबों के अलावा किसी अन्य किताबों को खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य (विवश) नहीं किया जाएगा.

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