दिवाली के मौके पर इस हीरे ने चमकाई ग़रीब की क़िस्मत ,आदिवासी मजदूर को मिला नायाब हीरा |
दिवाली के मौके पर इस हीरे ने चमकाई ग़रीब की क़िस्मत ,आदिवासी मजदूर को मिला नायाब हीरा |
पन्ना. बुंदेलखंड में पन्ना की धरती इन दिनों बड़ी संख्या में हीरे उगल रही है. यह बात गुरुवार को भी उस समय साबित हुई जब हीरों की नीलामी ( diamond auction) का अंतिम दौर चल रहा था. उसी समय एक गरीब आदिवासी मजदूर (Poor tribal laborer) रमेश को यहां की सकरिया चोपरा में उथली खदान से 7 कैरेट 68 सेंट का बड़ा हीरा मिला.
यह आदिवासी गरीब मजदूर इस नायाब हीरे को लेकर सीधे पन्ना के नई कलेक्ट्रेट भवन में हो रही नीलामी स्थल पर पहुंच गया. उस हीरे को हीरा कार्यालय के वैल्यूअर ने जांचा परखा और नाप तौल कर उसे जमा कर लिया.
- पन्ना में उथली खदानों से मिले हीरों की तीन दिन से नीलामी चल रही थी. इसी बीच खदान से एक आदिवासी मजदूर को नायाब हीरा मिल गया. उसे लेकर वह नीलामी स्थल पर पहुंच भी गया पर उसे अपनी किस्मत बदलने के और इंतजार करना होगा.
- पन्ना में उथली खदानों से प्राप्त हीरों की नीलामी 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक चली. तीन दिनों तक चली नीलामी गुरुवार को ही समाप्त हो गई. इस नीलामी में 224 हीरे रखे गए थे जिसमें से 81 हीरे ही बिक सके.
- इनसे 35 लाख 10 हजार 480 रुपए मिले. नीलाम हुए हीरो में सबसे बड़ा हीरा 5.68 कैरेट का रहा जो कि 14 लाख 20 हजार 630 रुपए में बिका. बिके हुए हीरो की सरकारी रॉयल्टी काटकर इसकी रकम हीरा मालिकों को जल्द ही दे दी जाएगी. पेंडिंग रहे हीरो को अगले 2 माह के अंदर पुनः नीलामी के लिए रखा जाएगा. इस नीलामी में 10 बड़े नायाब हीरे भी रखे गए थे जिन्हें खरीदने के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, सूरत, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर जैसे कई शहरों से हीरा व्यापारी आए थे.
दिवाली के मौके मिले इस हीरे ने रमेश की किस्मत को तो चमका दी है लेकिन इस गरीब आदिवासी मजदूर को हीरे की लाखों रुपए रकम पाने के लिए अगली हीरा नीलामी तक इंतजार करना होगा. करीब 2 माह बाद फिर हीरों की नीलामी होगी. गरीब मजदूर रमेश को बेशकीमती हीरा मिलने से जीवन में खुशियों की बहार तो आ ही गई है. प्रदेश में मात्र पन्ना जिले की धरती ही एक ऐसी जगह है जहां रातों-रात चंद पलों में ऐसे गरीब मजदूर लखपति-करोड़पति बन जाते हैं.