खाट पंचायत पर सियासत : कमलनाथ के पास कुर्सी तो बची नहीं लिहाजा अब वो खाट पर ही बैठे, क्या दिक्कत है?

मध्यप्रदेश/मुरैना – मध्यप्रदेश में किसानों के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही हैं। तीनों कृषि बिल पास होने के बाद से ही ये जंग जारी हैं। बीजेपी कृषि बिलों को किसानों के हित में बता रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से लगातार इसके खिलाफ में आवाज उठाई जा रही हैं।
बीजेपी ने किसानों को कृषि बिल के प्रावधान समझाने के लिए मध्यप्रदेश में किसान सम्मेलनों का भी आयोजन किया था जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे। अब कांग्रेस बिल के खिलाफ महापंचायत कर रही है जिसमें कृषि बिल को किसानों के खिलाफ करार दिया जा रहा हैं।
हालही में किसानों के समर्थन में कांग्रेस ने बुधवार को मुरैना में खाट महा पंचायत का आयोजन किया। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा दिग्विजय सिंह सहित तमाम कांग्रेस नेता मौजूद रहे। मध्यप्रदेश-राजस्थान बॉर्डर पर हुई इस महा पंचायत में कांग्रेस ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को सीधा समर्थन देने का संकल्प भी लिया। किसान महापंचायत को कांग्रेस ने अनूठे रूप में आयोजित किया था, जिसमें किसान खाट पर बैठे। पुराने जमाने का लुक देने के लिए वहां खटिया लगाई गई थीं।
इधर, कांग्रेस की खाट पंचायत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा। शिवराज सिंह बोले- कमल नाथ के पास कुर्सी तो बची नहीं लिहाजा अब वो खाट पर ही बैठें। क्या दिक्कत है खाट पर बैठने में।