जामिया यूनिवर्सिटी में CAB के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे और लाइब्रेरी में पुस्तक पढ़ रहे छात्रों पर पुलिस ने बरसाए डंडे
जामिया यूनिवर्सिटी में CAB के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे और लाइब्रेरी में पुस्तक पढ़ रहे छात्रों पर पुलिस ने बरसाए डंडे
- पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियों के साथ आंसू गोले बरसाए
- लाइब्रेरी के बच्चों को जमकर पीटा
- यूनिवर्सिटी की वीसी ने बच्चों का दिया साथ
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध पूर्वोत्तर राज्यों से होता हुआ देश की राजधानी में भी पहुंच गया है। जी हां दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बच्चों ने बिल के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है,और प्रशासन विरोध कर रहे छात्रों पर लगातार लाठी बरसा रही बता दें कि पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले छात्रों के साथ-साथ लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे छात्रों को लाठी से पीटने में कोई कसर नही छोड़ी । जामिया की वीसी नजमा अख़्तर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुस्तकालय के भीतर के छात्रों को बाहर निकाला गया और वो सुरक्षित हैं. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की. उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि पुलिस का कैंपस में बिना इजाज़त आना और लाइब्रेरी में पढ़ रहे निर्दोष बच्चों पर लाठी बरसाना उनके लिए स्वीकार्य नहीं है. नजमा अख़्तर ने छात्रों से कहा कि वे मुश्किल घड़ी में अकेले नहीं हैं और इस मामले को वो ऊपर से ऊपर लेकर जाएंगी. वही समाचार एजेंसी पीटीआई का कहना, गिरफ़्तार किए गए 50 छात्रों को रिहा किया गया। साथ ही जामिया टीचर एसोसिएशन ने छात्रों से अपील की है कि वो इलाक़े में स्थानीय नेताओं द्वारा किए जा रहे दिशाहीन प्रदर्शनों में कतई शामिल ना हों.
आए दिन प्रशासन का इस तरह का रवैया सभी छात्रों के लिए बेहद निंदनीय होता जा रहा है। क्या सरकार अपने कमियों के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले लोगो को इस तरह से दबा देगी या फिर अब लोगो के बोलने की आज़ादी का पूरी तरह से हनन कर लिया जाएगा।