मध्य प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी चालु, अब छह माह तक चलेगा परीक्षण
मध्यप्रदेश/इंदौर (Indore) Coronavirus :कोरोना वायरस( Coronavirus) के मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी चालु हो गई है। मेडिकल कौंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर(ICMR) ने एमजीएम(MGM) मेडिकल कॉलेज को प्लाज्मा थेरेपी के लिए क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिल गई है। इसके तुरंत बाद मेडिकल कॉलेज ने एमवाय अस्पताल ने प्लाज्मा दान लेना चालु भी कर दिया।
इस थेरेपी में कोरोना के ठीक हो चुके मरीजों के रक्त में से प्लाज्मा निकालकर उन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शरीर में इंजेक्ट किया जाएगा जो फिलहाल अस्पतालों में हैं। प्लाज्मा दान देने वाले और प्लाज्मा दान लेने वाले दोनों मरीजों की सेहत पर सतत निगरानी रखी जाएगी। यह परीक्षण 6 महीने चलेगा।
थेरेपी से जुड़े हर मरीज का डाटा आईसीएमआर(ICMR) को भेजा जाएगा। सूचना मिलते ही एमजीएम(MGM) मेडिकल कॉलेज में बहुत ही जल्द ही तैयारियां पूरी कर ली गईं। गुरुवार को ही पहला डोनर मिल गया।
फिलहाल कोरोना वायरस के 30 मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाने की अनुमति मिली है। कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी को रामबाण औषधि माना जा रहा है लेकिन आईसीएमआर(ICMR) से इसके ट्रायल की अनुमति नहीं मिलने से इसका प्रयोग नहीं किया जा रहा था।
अब आईसीएमआर ने देशभर के 21 केंद्रों को प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रदेश में यह अनुमति एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर और गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल को मिली है। गुरुवार को पहले प्लाज्मा दानी के रूप में ट्रेनी आईपीएस अधिकारी आदित्य मिश्रा ने एमवाय अस्पताल में प्लाज्मा दान किया। यह सिलसिला सतत जारी रहेगा।
कोरोना को मात देने वाला कोई भी व्यक्ति एमवाय अस्पताल ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. अशोक यादव(Ashok yadv) से संपर्क कर प्लाज्मा दान कर सकता है। 18 साल से बड़े और 55(Kg) किलो से ज्यादा वजन वाले मरीज ही दे पाएंगे प्लाज्मा डॉ. यादव के अनुसार, यह परीक्षण देशभर में एक साथ चलेगा।
आंकड़े पर पहुंचने से पहले ही हम आगे की अनुमति के लिए आईसीएमआर के पास आवेदन कर देंगे। प्लाज्मा दान करने वाले की उम्र 18 साल से अधिक और वजन 55 किलो से अधिक होना चाहिए। प्लाज्मा दान करने के लिए यह भी अनिवार्य है कि प्लाज्मा देने वाले व्यक्ति की दो सतत कोरोना की जांच निगेटिव आई हो। साथ ही 14 दिन होम क्वारंटाइन का पीरियड भी पूरा कर लिया हो।