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रीवा :- आरटीआई की जानकारी देने में मनमानी पर पीआईओ पर 5000 का जुर्माना

आरटीआई की जानकारी देने में मनमानी पर पीआइओ पर पांच हजार का जुर्माना

रीवा से गौरव सिंह की रिपोर्ट:- सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगे जाने पर अधिकारियों द्वारा मनमानी जवाब दिए जाने के मामले में एक बार फिर राज्य सूचना आयोग ने शिकंजा कसा है। इस बार जिला पंचायत के सीईओ की ओर से नियुक्त किए गए लोक सूचना अधिकारी पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। आवेदक शिवानंद द्विवेदी ने १४वें परफार्मेंस ग्रांट, कराधान की राशि, संपूर्ण राशि का ब्यौरा, जांच में शामिल सभी दस्तावेज, जांच प्रतिवेदन आदि की मांग की थी। इस पर दी गई जानकारी से असंतुष्टि जाहिर करते हुए आवेदक ने आयोग में आठ नवंबर 2019 को अपील करते हुए कहा कि भ्रामक जानकारी जिला पंचायत सीइओ की ओर से दी गई है। कहा गया कि इसके पहले गंगेव जनपद में इसी मामले से जुड़ी जानकारी चाही गई थी, जिस पर दूसरी जानकारी दी गई थी। इस वजह से प्रशासन की सूचनाओं में विरोधाभाष नजर आ रहा है। इस मामले में राज्य सूचना आयोग ने जवाब मांगा था। जिला पंचायत सीईओ की ओर से नियुक्त किए गए लोक सूचना अधिकारी राजेश शुक्ला ने जवाब भेजा था। इसलिए सुनवाई करने के बाद राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने राजेश शुक्ला पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इस जुर्माने की रकम एक माह के भीतर नकद, डीजी या फिर बैंकर्स चेक के माध्यम से राज्य सूचना आयोग कार्यालय में जमा करनी होगी। इसके साथ ही सूचना आयुक्त ने यह भी आदेशित किया है कि अपीलार्थी को जो जानकारी नहीं दी गई थी उसे नि:शुल्क उपलब्ध कराने के बाद आयोग को सूचित करें अन्यथा अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी। इस अपील पर सुनवाई और निर्णय पहले ही हो गया था लेकिन लॉकडाउन की वजह से आदेश जारी नहीं हो रहा था। इस कारण सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने ट्वीटर हैंडल से ही आदेश प्रसारित कर दिया है।
 इधर लॉकडाउन के बीच दिखाई तत्परता:- 
एक ओर सूचना का अधिकार अधिनियम की अवहेलना का मामला है तो दूसरी ओर अधिकारी ने संवेदनशीलता भी दिखाई है। नईगढ़ी निवासी राघवेन्द्र दुबे ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उचित मूल्य दुकान कोट में खाद्यान्न आवंटन, उठाव और वितरण से जुड़ी जानकारी मांगी थी। अधिनियम में उल्लेख है कि किसी के भोजन, जीवन आदि से जुड़े मामलों में 48 घंटे के भीतर जानकारी उपलब्ध कराना है। जिला आपूर्ति नियंत्रक ने गंभीरता दिखाते हुए 48 घंटे के पहले ही जानकारी उपलब्ध करा दी। इस मामले में राज्य सूचना आयुक्त ने भी ट्वीटर पर रीवा के खाद्य नियंत्रक राजेन्द्र ठाकुर को धन्यवाद किया है कि लॉकडाउन में विपरीत परिस्थिति के बीच उन्होंने जानकारी उपलब्ध कराई। बता दें कि इसके पहले खाद्य नियंत्रक पर इसी अधिनियम के चलते आयोग ने कार्रवाई भी की थी। जिसके चलते उन्होंने तत्परता दिखाई। 

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