MPPEB परीक्षाओं में हुए फर्जीवाड़े की जाँच के लिए विपक्ष ने की CBI की माँग, जाने पूरा मामला
By: Anjali Kushwaha
भोपाल: प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड में जनवरी-फरवरी माह में आयोजित वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी ,ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और नर्सिंग की परीक्षाओं में हुए तमाम फर्ज़ीवाड़े को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया हैं. इस ट्वीट के जरिये उन्होंने सरकार को इस पूरे मामले की जाँच के लिए सीबीआई को सौंपने की मांग उठाई हैं.
इस पूरे मामले पर उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि एमपीपीईबी की वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी ,ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और नर्सिंग की परीक्षाएं जो कि जनवरी-फरवरी माह में आयोजित हुई थी , इन परीक्षाओं को लेकर शुरु दिन से ही तमाम फर्जीवाड़े के मामले सामने आये। इस शिकायतों को देखते हुए सरकार ने उसकी जांच एमपीएसईडीसी को सौंपी। साथ ही उन्होंने लिखा कि- क्या साइबर सेल इस मामले की निष्पक्ष जांच कर पाएगा क्योंकि कई बड़े-बड़े रसूखदारो के नाम इस फर्जीवाड़े में सामने आये है ? जब पीईबी में पुरानी भर्तियों के मामलों की भी सीबीआई जांच चल रही है तो इन परीक्षाओं के फर्जीवाडे की जाँच भी सरकार क्यों सीबीआई को नही सौंप रही है ? जिन लोगों ने हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है ,आखिर सरकार क्यों उन्हें बचाने का काम कर रही है ? यदि सरकार की नियत साफ़ है तो जल्द से जल्द इस पूरे मामले को सरकार सीबीआई को जाँच के लिये सौंपे।
बता दे कि 27 अगस्त को पेपर लीक होने के चलते व्यापमं ने तीन परीक्षाओं को निरस्त करने का निर्णय किया है। इसके तहत वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और स्टॉफ नर्स चयन परीक्षा निरस्त कर दी गई है। 10 व 11 फरवरी को भी वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी व ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर भर्ती की परीक्षा में भी शिकायत पाई गई कि कुछ अभ्यर्थियों के नंबर उनकी अन्य शैक्षणिक उपलब्धि के अनुपात में अत्यधिक है। तकनीकी जांच में पाया गया था कि पेपर्स को अवैधानिक तरीके से डाउनलोड किया गया था और पेपर लीक होने की स्थिति बनी। इसी तरह व्यापमं की गु्रप-2 की सब-गु्रप-4 भर्ती परीक्षा और गु्रप-5 की पेरोमेडिकल सेवा स्टॉफ नर्स भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी पाई गई। जानकारी के मुताबिक इसमें अवैध तरीके से पेपर डाउनलोड हो गए थे।
अब आगे ये देखना होगा कि विपक्ष की इस मांग के बाद शिवराज सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती हैं.