ओमिक्रॉन का खतरा चरम पर: मप्र बॉर्डर के 15 जिले पर छिंदवाड़ा को छोड़ कहीं नहीं हो रही कोविड जांच
ओमिक्रॉन का खतरा चरम पर: मप्र बॉर्डर के 15 जिले पर छिंदवाड़ा को छोड़ कहीं नहीं हो रही कोविड जांच
मप्र:- मध्यप्रदेश में ओमिक्रोन और तीसरी लहर का डर लगातार बढ़ता जा रहा है. पड़ोसी राज्यों में ओमीक्रोन बेकाबू होता जा रहा है इससे मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में प्रशासन चौकन्ना हो चुका है लेकिन अगर बॉर्डर को देखें तो यात्रियों की निगरानी नहीं हो रही है.
छिंदवाड़ा को छोड़कर अन्य मध्य प्रदेश बॉर्डर की 15 जिलों में ना तू स्टेशन और बस स्टेशन पर जांच हो रही है और ना ही सीमा पर,कोई भी रोक टोक नजर आ रही है संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के मुकाबले फिलहाल अभी संसाधन पर्याप्त है लेकिन कुछ जिलों में अभी भी ऑक्सीजन प्लांट शुरू नहीं हो पाई तो कहीं जिनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट कई दिन इंतजार करा रही है.
राजगढ़ जिला राजस्थान के झालावाड़ से सटा हुआ है.आने जाने के लिए सड़क खुली है. रेल चल रही है. मंगलवार को चार नागरिक यूनाइटेड किंगडम से राजगढ़ में वह एक नागरिक सुठालिया में यूक्रेन से लौटा है स्टेशन ब्यावरा पचोर व सारंगपुर और बस स्टैंड पर स्क्रीनिंग नहीं हो रही है.
इसी तरह अन्य शहरों मे भी जांच नहीं हो रही.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओमिक्रोन को लेकर समीक्षा बैठक तो कर रहे हैं लेकिन जब जमीन पर स्थिति देखी जाती है तो हालात बद से बदतर हैं. प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग की लैब ही नहीं है इसीलिए रिपोर्ट आने में भी देरी हो रही है.