NRC, CAA, NPR उन तीन गोलियों की तरह हैं जो बापू के सीने में उतार दी गई थीं : तुषार गांधी
- पटना में एक कार्यक्रम में तुषार गांधी ने सीएए को लेकर चिंता जताई थी
- तुषार गांधी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहे हैं
- सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाले सभी लोगों को मुस्लिम या मुस्लिम समर्थक मान लिया जाता है
नई दिल्ली : आयुषी जैन : हाल ही में हुई दिल्ली की हिंसा को लेकर महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी), नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि हमलोग देश में आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं. पटना में एक कार्यक्रम में तुषार गांधी ने कहा, एनआरसी, सीएए और एनपीआर उन तीन गोलियों की तरह हैं जो बापू के सीने में उतार दी गई थीं.
तुषार गांधी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहे हैं और इस विरोध को लेकर कई लोग समाज में नफरत फैला रहे हैं. उन्होंने कहा, “सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाले सभी लोगों को मुस्लिम या मुस्लिम समर्थक मान लिया जाता है और इसके नाम पर नफरत फैलाई जा रही है. उन्होंने कहा है कि इन दोनों कानून से अमीर लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जबकि सुदूर इलाकों और गांव में रहने वाले गरीब लोग इससे प्रभावित होंगे. इन लोगों को सरकारी अधिकारियों के सामने अपने आप को साबित करना होगा. ऐसे में इनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कौन करेगा.
हम आपको बता दें, अभी कुछ दिन पहले भी तुषार गांधी ने सीएए को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि सीएए और एनआरसी देश के लिए खतरा हैं. तुषार गांधी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पहला ऐसा कानून है जो पक्षपातपूर्ण है. यह हमारे संविधान की भावना के खिलाफ है. बता दें, देश के अलग-अलग इलाकों में इस कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. यहां तक कि कई प्रदेशों में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो चुके हैं.