MP : अब प्रदेश के सभी कॉलेजों में होगी "पेरेंट्स-टीचर मीटिंग", इंदौर में हो चुकी है शुरुआत
- होलकर साइंस कॉलेज में प्रयोग सफल
- अगले सत्र से लागू हो जाएगा नियम
- विभाग को आदेश ज़ारी, प्राचार्यों से भी मांगे थे सुझाव
- एक सेमेस्टर में दो बार, साल में 4 बार करवानी होगी मीटिंग
Bhopal Desk, Gautam : पेरेंट्स-टीचर मीटिंग अब प्रदेश के सभी कॉलेजों में अनिवार्य किया जायेगा। प्रदेश में इसकी शुरुआत हो भी चुकी है और आने वाले सत्र से यह नीति प्रदेश के सभी कॉलेजों में लागू कर दी जायेगी। बता दें कि अभी तक यह नियम सिर्फ एमपी और सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों पर ही लागू था।
मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसके अनुसार 2020-21 के सत्र से सभी सरकारी कॉलेज, अनुदान प्राप्त कॉलेज एवं प्राइवेट कॉलेज में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग अनिर्वाय होगी। प्रदेश में सबसे पहले इसकी पहल इंदौर के होलकर कॉलेज से हुई जिसके बाद ओल्ड जीडीसी में भी इस रूल को अपनाया गया। दोनों जगहों से सकारत्मक परिणाम मिलने के बाद इसको अब प्रदेश भर में लागू किया जाएगा।
प्रदेश भर के 1410 कॉलेजों में यह व्यवस्था लागू की जायेगी जिसमे 103 कॉलेज तो सिर्फ इंदौर के हैं। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने अतिरिक्त संचालक एवं सभी प्राचार्यों को पत्र लिख दिया है।
एक सेमेस्टर में दो एवं साल में 4 बार
हर माह पिटीएम होना है, लेकिन एक सेमेस्टर में दो बार और साल में चार बार इसको अनिर्वार्य रूप से करवाया जाएगा। इसकी रेपोर्ट, फोटोग्राफ और सुझाव भी प्रशासन को भेजे जायेंगे।
कैसे आया आईडिया
अभी तक प्रदेश के स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग होती थी लेकिन इंदौर के होलकर कॉलेज ने एक प्रयोग के रूप में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग करवाया। इसकी जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को भेजी गई। इसके बाद कई स्तरों पर इस मुद्दे पर चर्चा हुई। यहाँ तक की प्राचार्यों से भी इस विषय पर सुझाव मांगे गए।