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राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की मार :लोगों का जीना हराम, SC ने दिल्ली सरकार से पूछा लोग कैसे लेते हैं सांस?

राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की मार :लोगों का जीना हराम,  SC ने दिल्ली सरकार से पूछा लोग कैसे लेते हैं सांस?

दिल्ली: दिल्ली में प्रदुषण लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिससे ज़्यादातर लोग गंभीर बिमारियों से पीड़ित होते जा रहे है, AQI 600 पहुँच चूका है| सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है की एक रोड मैप बनाया जाए वायु शुद्धिकरण टावरों की स्थापना के लिए| प्रदुषण दिल्ली का सबसे बड़ा मुद्दा है जिसको ख़तम करना अनिवार्य है अथवा यह दिल्ली की आबादी के लिए जान लेवा संकट के रूप में दिखाई दे रहा है| 

अब तक प्रदुषण के लिए क्या किया गया है? 

Odd-Even मुहीम जो की दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा चलाया गया था उस से सिर्फ 5-15 परसेंट तक की प्रदुषण में घटोतरी हुई है, सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक अनुचित उपाय बताया है| 
AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक किसी भी शहर की वायु की गुणवत्ता बताता है जो की 0 से 50 तक अच्छा माना जाता है और 51 से 100 तक उदारवादी माना जाता है, अब आप खुद ही कल्पना कर सकते है की दिल्ली के हालात क्या हैं| 

दिल्ली में प्रदुषण के मुख्य कारण : 

दिल्ली में प्रदुषण का मुख्य कारण है पराली में आग लगाना जिससे 44% वायु प्रदूषित हुई है, यह पराली जादातर हरयाणा एवं पंजाब में जलाई जाती है| प्रदुषण के अन्य कारण भी है जो की न सिर्फ दिल्ली पे बल्कि पुरे भारत पे लागू होती है जैसे की वाहनों के द्वारा प्रदुषण बढ़ता है जिसको लेके दिल्ली सरकार द्वारा odd-even मुहीम चलायी गयी थी| फैक्ट्रियां आज के दौर में बहुत महत्वपूर्ण है क्यूंकि इससे रोज़गारी बढ़ती है लेकिन यह भी जानना ज़रूरी है की फैक्ट्रियों से प्रदुषण भी भारी मात्रा में बढ़ती है जिसके नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा दिशा निर्देशक दिए गए है| 

पूरा भारत प्रदुषण प्रभावित है जिसके नियंत्रण के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए और उठा भी रही है जैसे की प्लास्टिक बैन, यह जनता की भी ज़िम्मेदारी है की अपना देश प्रदुषण मुक्त रखेें | 
ऐसी ही जानकारियों के लिए बने रहिये द लोकनीति के साथ|

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