26/11 मुंबई आतंकी हमलें की 12 वीं बरसी आज
शहर पुलिस शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन कर रही है, जिसमें केवल एक सीमित संख्या में महामारी को देखते हुए भाग लिया जा सके।
26 /11 को पूरा देश हमले से देहल गया था
पाकिस्तान के आतंकियों ने दहला दी थी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को
एकमात्र आंतकी कसाब पकड़ा गया ,जिसको बाद में मिली फांसी मौत की सजा
द लोकनीति डेस्क भोपाल
जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब को चार साल बाद 21 नवंबर 2012 को फांसी दी गई थी।
26/11 के हमले ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारत के दृष्टिकोण को बदल दिया और इसकी समुद्री निगरानी और अंतर-एजेंसी समन्वय और सूचना के प्रसार को मजबूत किया।
मुंबई 26/11 के आतंकवादी हमले ने शहर के मानस पर एक बड़ा निशान छोड़ दिया।
समुद्र से आए दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, ताज होटल और टॉवर और ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल को निशाना बनाया।
कसाब जो जीवित था, को बाद में मुकदमा चलाया गया और नवंबर 2012 में उसे मौत तक लटका दिया गया।
हमले में मारे गए लोगों में एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, आर्मी मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर शामिल थे।