नर्मदा को लेकर सरकार संवेदनशील : कमल पटेल

नर्मदा को लेकर सरकार संवेदनशील : कमल पटेल
-कृषि मंत्री ने दिए अधिकारियों को नर्मदा संरक्षण करने के आदेश
-ड्रोन से होगी हरित क्षेत्र की निगरानी, एचएफएल के नियमों को होगा पालन, गंदे नालों के लिए बनेगी योजना
जबलपुर /नर्मदा के संरक्षण को लेकर गुरुवार को कृषि मंत्री कमल पटेल ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि नर्मदा के तट पर किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि नर्मदा के तट पर निर्माण और खनन को लेकर प्रशासन किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं करेगा। कलेक्ट्रेट में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पटैल ने कहा कि नर्मदा के तट पर अवैध रेत खनन को लेकर वाहन चालकों और मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि नर्मदा के हरित क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी की जाएगी और और एचएफएल के नियमों का पालन सख्ती से किया जाएगा।
पटैल ने नर्मदा मिशन की सभी मांगों को जायज बताते हुए कहा कि नर्मदा को लेकर हाईकोर्ट के ओदशों का पालन किया जाएगा। बता दें कि नर्मदा के संरक्षण को लेकर महीने भर से अन्न त्याग कर सत्याग्रह कर रहे समर्थ भैयाजी सरकार और नर्मदा भक्तों ने बुधवार को उमाघाट पर कृषि मंत्री को नर्मदा संरक्षण को लेकर ज्ञापन सौंपा था।
नर्मदा पुत्रों ने किया क्रमिक अनशन, जन जागरण, प्रभारी मंत्री पहुंचे
देवउठनी ग्यारस बुधवार को समर्थ भैयाजी सरकार ने मां नर्मदा पथ उमाघाट में क्रमिक अनशन जन जागरण की शुरुवात करते हुए सभी नर्मदा गौ भक्तों से मां नर्मदा व गौवंश के संरक्षण सम्वर्धन के लिए आह्वान किया। उमाघाट पहुंचे प्रभारी मंत्री कमल पटेल को समर्थ भैयाजी सरकार ने नर्मदा गौ सत्याग्रह की सात सूत्रीय मांगों से अवगत कराया। नर्मदा पुत्रों ने उन्हें संदेश ज्ञापन पत्र भी सौंपा। नर्मदा मिशन नर्मदा तट पर निर्माण और अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर गत कई वर्षों से मुहिम चला रहा है।
राज्य सरकार और प्रशासन से मां नर्मदा गौ सत्याग्रह की प्रमुख मांगें
१- नर्मदा तट एचएफएल से ३०० मीटर तक के हरित क्षेत्र को हाईकोर्ट के आदेशानुसार सीमांकन कर प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर तत्काल संरक्षित किया जाए।
२-नर्मदा को जीवंत ईकाई का दर्जा देकर ठोस नीति व कानून बनाया जाए।
३- दबंग, भू खनन माफिया, पूंजीपतियों द्वारा लगातार हो रहे हरित क्षेत्र में अवैध निर्माण, अतिक्रमण भंडारण, खनन को तत्काल प्रतिबंधित कर अवैध भंडारण को राजसात किया जाए।
४-अमरकंटक तीर्थ क्षेत्र में हो रहे निर्माण, अतिक्रमण खनन पूर्णत: प्रतिबंधित किए जाएं।
५-नर्मदा में मिलने वाले गंदे नालों, विषैले रसायनों को बंद करने तथा अपशिष्ट द्रव्य पदार्थों के प्रबंधन हेतु प्रभावी ठोस कार्ययोजना लागू की जाए।
६-बेसहारा गौ वंश के लिए आरक्षित नगरीय निकायों की गौचर भूमि को संरक्षित किया जाए एवं अवैध अतिक्रमण निर्माण कब्जा से मुक्त करााय जाए।
७ नर्मदा पथ के तटवर्ती गांव नगरों को जैव विविधता क्षेत्र घोषित कर समग्र गौ नीति गौ अभ्यारण्य सुनिश्चित किया जाए।