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MPPSC का रिजल्ट अटका, नहीं मिली अभी तक 27% ओबीसी आरक्षण कि गाइड लाइंस, कांग्रेस ने कहा बच्चों के भविष्य के साथ है खिलवाड़..

  • युवा परेशान नहीं हो रहा MPPSC का रिजल्ट घोषित 
  • लोक सेवा आयोग को नहीं मिली आरक्षण की गाइड लाइंस
  • कांग्रेस ने कसा तंज़ सरकार कर रही बच्चों के साथ खिलवाड़ 

भोपाल/निशा चौकसे:- मध्यप्रदेश कि महत्वपूर्ण और बड़ी परीक्षा एमपीपीएससी ने सालभर की परीक्षाओं का कैलेंडर जारी कर दिया है. जिसके मुताबिक अगस्त में रिजल्ट घोषित हो जाना चाहिए था, क्योंकि सितंबर में राज्यसेवा परीक्षा 2021 की घोषणा होना है. लेकिन 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के मसले के कारण प्रदेश के 3.5 लाख से ज्यादा युवाओं का रिज़ल्ट रुक गया है. दरअसल, रिज़ल्ट नहीं आने का कारण यह है कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर सरकार की नई गाइड लाइंस नहीं मिलने से एमपी लोक सेवा आयोग अपनी परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित नहीं कर पा रहा है. 

बढ़ती बेरोजगारी से युवा परेशान 
प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के चलते युवा पीढ़ी परेशान है. एमपीपीएससी के लाखों परीक्षारती परीक्षा देने के बाद इंतज़ार में हैं कि कब उनका परीक्षा परिणाम आएगा और कब उन्हें सरकारी नौकरी मिलेगी. मुख्य परीक्षा 2019 हुए छह महिने हो चुके हैं. राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 भी जुलाई में हो चुकी है, लेकिन दोनों परीक्षाओं में शामिल हुए प्रतियोगियों का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा है. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को सरकार से गाइड लाइंस न मिल पाने की वजह से एमपीपीएससी मेन और प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट रूका हुआ है. पीएससी ने परिणाम तैयार भी कर लिया है, लेकिन भोपाल से हरी झंडी नहीं मिल पा रही है. 

एमपीपीएससी के परिणाम पर पक्ष-विपक्ष कि सफाई 
कोविड के कारण एमपीपीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को पहले ही लंबा इंतजार करना पड़ा था. कई बार आगे बढ़ने के बाद जैसे-तैसे कोरोना की दूसरी लहर के बीच परीक्षा संपन्न हुई. उम्मीदवारों ने महामारी का सामना करते हुए परीक्षा भी दे दी. लेकिन अब रिजल्ट घोषित नहीं हो रहा है. जिससे छात्र परेशान हैं और वे जल्द रिजल्ट घोषित करने की मांग कर रहे हैं. तो वहीं एमपीपीएससी को लेकर पक्ष और विपक्ष में राजनीती चालू है, बता दें कि बीजेपी सांसद शंकर लालवानी का कहना है कि वे सरकार से चर्चा कर जल्द ही हल निकालेंगे. तो इस पर कांग्रेस विधायक विशाल पटेल का भी बयान सामने आया है उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही की वजह से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. सरकार ने सही पैरवी नहीं की इसलिए ये मामला इतना बढ़ गया. यदि वो चाहे तो अभी भी कोर्ट की अनुमति से रिजल्ट घोषित करवा सकती है.
 

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