मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने महिला सफाईकर्मी के छुए पैर, क्या मप्र में नई राजनीति की शुरुआत!
मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने महिला सफाईकर्मी के छुए पैर,क्या मध्यप्रदेश में नई राजनीति की शुरुआत!
- प्रदेश में चरणवंदना की नई राजनीति
- मंत्री ने महिला सफाईकर्मियों का किया सम्मान
- कुछ सफाईकर्मियों ने सम्मान का किया बहिष्कार
ग्वालियर। प्रदेश में चरणवंदना और अफसरों के हाथ जोड़ने वाली नई राजनैतिक शुरू करने वाले कमलनाथ के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ रविवार को दो वाकये हुए। सबसे पहले तो सुबह पुलिस से परेशान एक महिला ने मंत्री के चरणों में झुक गई तो दोपहर में मंत्री तोमर ने एक महिला सफाईकर्मी के सामने घुटनों के बल बैठकर उसके चरणों में अपना सिर रख दिया।
क्या है पूरा मामला
सफाई के लिए नाले में उतरकर कीचड़ और गंदगी साफ करने और झाड़ू से सड़कें और शौचालय साफ़ करने वाले कमलनाथ सरकार के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पिछले दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया के चरणों में साक्षात् दंडवत प्रणाम कर चरण वंदना की नई राजनैतिक परंपरा शुरू की । और रविवार को एक महिला,मंत्री तोमर के चरणों में उस समय गिर पड़ी जब मंत्री कलश यात्रा में शामिल हो रहे थे तभी एक महिला मंत्री के सामने सड़क पर बैठकर उनके चरणों में गिरते हुए विनती करी कि उसकी नाबालिग बेटी कल से गायब है और पुलिस सुनवाई नहीं कर रही। उसके बाद क्या,मंत्री ने पुलिस को फटकार लगाईं और तब जाकर पुलिस ने मामला संज्ञान में लिया। इसके बाद मंत्री नगर निगम द्वारा बाल भवन में सफाईकर्मियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए। यहाँ मंत्री ने पुरुष और महिला सफाईकर्मियों को सम्मानित किया। इस मौके पर मंत्री जब एक महिला सफाईकर्मी का सम्मान कर रहे थे तभी वे अचानक घुटनों के बल बैठ गए और उन्होंने महिला सफाईकर्मी के पैरों में अपना सिर रख दिया। ये देखकर सभी चौंक गए। मंत्री तोमर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ये लोग प्रतिदिन अपने परिवार का त्याग कर सर्दी हो या गर्मी अपने फर्ज का पालन करते हुए सफाई करते हैं तो इनका सम्मान सर्पोपरि हैं।
कुछ सफाईकर्मियों ने सम्मान का किया बहिष्कार
दरअसल नगर निगम ने अच्छा काम करने वाले सफाईकर्मियों को सम्मानित कर रहे थे तभी कुछ महिला सफाईकर्मियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया। उनका कहना था कि दीपावली से हमें हमारी तनख्वाह नहीं मिली है घर में बच्चे भूखे हैं फिर किस काम का है यें सम्मान । नाराज सफाईकर्मियों ने कहा कि नालों में कुछ दिन उतरकर सफाई करने व सम्मान में शॉल देने से नही मिलता हमें असली सम्मान । जिसके बाद मंत्री तोमर को सफाईकर्मियों की तनख्वाह रुके होने की जानकारी लगी तो उन्होंने अधिकारियों को इसके निपटारे के सख्त निर्देश दिए।