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Bhopal : कंप्यूटर बाबा कहीं बन न जाए कमलनाथ सरकार का सिरदर्द ?

भोपाल-रायसेन / विवेक पांडेय – कंप्यूटर बाबा पिछले कुछ दिनों से अवैध खनन को रोकने के लिए नर्मदा के अनेक तटों पर अपना पहरा दे रहे हैं। यह पहरा देने का उनका उद्देश्य है की नर्मदा से होने वाली रेत खनन पर लगाम लगाई जा सके। इसी कड़ी में वे कल रायसेन गए थे। रायसेन की गोरा मछवाई की खदान पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कंप्यूटर बाबा ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में रेत खनन की कोई सीमा नहीं थी। अपार रेत खनन हुआ था। उनके कार्यकाल में 100 फ़ीसदी अवैध रेत खनन चल रहा था। लेकिन अभी तक हम इस सरकार में सिर्फ 20% ही काम कर पाए हैं। 

कंप्यूटर बाबा ने कमलनाथ सरकार पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार में भी 80 फीसदी अवैध रेत उत्खनन चल रहा है। हम नर्मदा तटों पर रेत का अवैध उत्खनन नहीं होने देंगे। गौरतलब की कंप्यूटर बाबा मंडल के अध्यक्ष बनाए गए हैं और तमाम जगह जहां से रेत का उत्खनन और अवैध खनन होता है। वहां पर जाकर वह अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहे हैं। उनके जाते ही रेत का खनन बंद हो जाता है परंतु उनके जाने के बाद अथवा संपूर्ण सिस्टम के वहां से जाने के बाद क्या होता है या क्या नहीं होता हैं। 

कमलनाथ सरकार में नदी न्यास के अध्यक्ष बनाए गए कंप्यूटर बाबा पिछले कुछ दिनों से उनकी जिस तरह से नदी और आसपास के रेत खनन स्थानों पर एवं दबिश देने की खबरें आ रही हो। इसको लेकर वह प्रदेश शासन के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के निशाने पर भी आए थे। खनिज मंत्री ने यह कहा था कि कंप्यूटर बाबा को अधिकार नहीं है कि वह रेत की खदानों पर छापा मार सके। इस पर जवाब देते हुए कंप्यूटर बाबा ने कहा था कि हम पावर में हैं और हमें अधिकार है आप हमें समझाइश मत दीजिए।

हालांकि कंप्यूटर बाबा भले ही दावा करते हैं, कि उनके यह कार्य संभाल लेने के बाद रेत में अवैध उत्खनन रुका हो। किंतु हम समाचार पत्रों और टेलीविजन एवं सोशल मीडिया के माध्यम से यह देखते हैं की रेत अवैध उत्खनन में कोई कमी नहीं हुई है। सिर्फ उसका प्रारूप बदला है। कंप्यूटर बाबा का यह कदम सरकार को कितना नुकसान व कितना फायदा पहुंचाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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