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तो क्या विंध्य से होगा अगला विधानसभा अध्यक्ष? टल सकता है सत्र..!

तो क्या विंध्य से होगा अगला विधानसभा अध्यक्ष? टल सकता है सत्र..!

मप्र विधानसभा अध्यक्ष को लेकर सरकार में लगातार माथापच्ची चल रही है. इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है की मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही कई नेता जो मंत्री बनाने से महरूम रह गए थे वो भी अध्यक्ष पद को लेकर नज़रे गड़ाए हुए है।
कयास और तमाम गुणा गणित के आधार पर ये नाम सामने आ रहें है।  

 विधानसभा अध्यक्ष के लिए ये 3 नाम आए सामने :-
केदारनाथ शुक्ला (सीधी)
गिरीश गौतम (त्यौंथर रीवा)
रामपाल सिंह (सिलवानी)

में संभावित किसी एक के नाम पर कयास लगाए जा रहे हैं.. अब इसमें अगर बात वरिष्टतम श्रेणी की करें तो केदारनाथ शुक्ला(Kedarnath Shukla) और गिरीश गौतम(Girish Gautam) इस हिसाब से फिट बैठते हैं, वही सिलवानी के रामपाल सिंह (Rampal Singh )को शिवराज सिंह चौहान का बहुत करीबी माना जाता है, बता दें कि रामपाल सिंह मंत्री पद ना मिलने से नाराज भी नजर आए। और उनकी चुप्पी इस ओर इशारा भी करती है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष कौन होगा, इस पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है..
क्योंकि विंध्य क्षेत्र से मंत्री पद ना बना पाना भी इसके डेमेज कंट्रोल के तहत अध्यक्ष बनाने से हो सकता है।

कौन बनेगा उपाध्यक्ष :-

 वहीँ बात उपाध्यक्ष पद की करें तो। पूर्व की कांग्रेस सरकार में कांग्रेस (Congress)ने उपाध्यक्ष अपनी ही पार्टी का चुना था, जबकि उपाध्यक्ष हमेशा विपक्ष का होता है..
हालांकि उस समय के मंत्रियों ने ऐसा करने की वजह भी भाजपा को ही बताई थी। मालुम हों की भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए विजय शाह का नाम सामने किया ठगा जिसको लेकर ही खुन्नस स्वरूप कांग्रेस ने उपाध्यक्ष का पद भी उसके पाले से छिटक दिया था।
तो ऐसे में संशय बरकरार है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा कांग्रेस के हाथ में उपाध्यक्ष का पद जाने देगी या नहीं। क्योंकि जैसे की पिछली सरकार में कांग्रेस ने अपनी खुन्नस निकाली थी तो ऐसा लग रहा है इस बार सरकार उपाध्यक्ष पद पर अपनी ही पार्टी का कोई नेता उतार सकती है.

टल सकता है सत्र :-
साथ ही आप को यह भी बता दें कि सत्र को कम समय का किया जा सकता है, या सत्र टाला भी जा सकता है इसकी मुख्य वजह है लगातार बढ़ते कोरोना केस..
 बता दें कि इस वक्त 205 मेंबर्स की विधानसभा है। और अगर विधानसभा सत्र शुरू होता है तो विधानसभा में करीब 600 से 700 लोगों की भीड़ इकट्ठा हो सकती है… जिससे सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के नियमों का पालन नहीं हो पाएगा.. वहीं यह भी बता दें कि 6 विधायक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जिससे कोरोना संक्रमण(Corona Infection) के फैलने का खतरा ज़्यादा है।

बजट पेश करना एक बड़ी चुनौती:-
 इस वक्त सरकार के पास सबसे बड़ी चुनौती है बजट को पास करना, और बजट पास करना सबसे बड़ी चुनौती इसलिए हो सकती है क्योंकि कोरोना के बीच विधानसभा सत्र चलाना, और बजट पास कराना दोनों खतरे से खाली नहीं है.. बजट पास करना संवैधानिक दृष्टि से जरूरी है और दूसरी तरफ कोरोना का खतरा. ऐसे में सत्र टलेगा या नहीं इस बात को लेकर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है.

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