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"शिव राज" शासन का एक और बड़ा घोटाला आया सामने, फस सकते है ये बड़े अधिकारी!

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – शिव राज शासन के दौरान प्रदेश में कई घोटाले हुए। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद वो सभी घोटाले अब खुलकर सामने आने लगे हैं। इसी कड़ी में अब शिवराज सरकार में हुआ एक और घोटाला सामने आया हैं। ये घोटाला किसानों से जुड़ा हुआ हैं। बता दे कि इस घोटाले की फाइल EOW ने खोल ली हैं। 

दरअसल, आदिवासी किसानों को जैविक खेती के लिए खाद सहित अन्य सामग्री देने नाम पर सौ करोड़ रुपए की योजना में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ हैं। अब मामला EOW के पास हैं। बताया जा रहा है कि EOW ने एक अलग टीम बनाकर इस मामले की जांच शुरू कर दी हैं। 

इस मामले में बड़े अफसर फंसते हुए नजर आ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है शिकायत से जुड़े तमाम दस्तावेज संबंधित विभाग से जुटाए जा रहे हैं। जैसे-जैसे सबूत मिलते जाएगे वैसे वैसे कार्रवाई आगे बढ़ती जाएगी।

दी गई बेहद घटिया सामग्री 

एग्रो का आरोप है कि निजी कंपनियों को ठेका दिया गया था। किसानों को सामग्री दी गई वो बेहद घटिया थी। खाद में राख और मिट्टी मिली थी और तरल पदार्थ में पानी भरा था। लेकिन जमीन पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। कागजों में लीपापोती कर आदिवासियों के नाम पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। बता दे कि सितंबर 2018 में जैविक कृषि आदान सहायता अनुदान कार्यक्रम के लिए मिले सौ करोड़ रुपए से 14 जिले के लिए लक्ष्य तय किए गए थे।

क्या है पूरा मामला

कृषि विभाग को वर्ष 2017-18 में आदिम जाति कल्याण विभाग ने 20 जिलों के आदिवासी और विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, सहरिया व भारिया किसानों को कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा के उत्पादन में सहयोग और प्रोसेसिंग, पैकेजिंग व मार्केटिंग के लिए सौ करोड़ रुपए दिए थे। विभाग का मकसद साफ था कि जैविक खेती करने वाले आदिवासी किसानों को उन्न्त खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि उनके लिए खेती लाभ का सौदा बने सके।

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