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बड़वानी : घटिया राशन का ऐसे चलता है खेल और यहाँ हुआ माल अल्टी -पलटी ,लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने बाँध ली आँखों में पट्टी 

घटिया राशन का ऐसे चलता है खेल और यहाँ हुआ माल अल्टी -पलटी ,लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने बाँध ली आँखों में पट्टी 

  • शिवराज सरकार में गरीबों के राशन से लगातार चल रहा घटिया राशन का घटिया खेल। 
  • मोके पर मौजूद अंजड वेयर हाउस के मोहनलाल मेहसने को गाड़ियों की जानकारी बताने पर भी बयान देने पर मना कर दिया
  • ऑपरेटर बवासिकर ने गलती मानी की गलती से कई गाड़ियों के नम्बर में डाल दिए जाते है। 

द लोकनीति डेस्क भोपाल 

बड़वानी से हेमंत नागजीरिया की विशेष रिपोर्ट 

बड़वानी : अंजड वेयर हाउस में नया ही खेल रचा जा रहा हैं। जिसमे राशन उपभोक्ता भण्डार पर भेजी जा रही ट्रक के नम्बरों में ट्रेक्टर ट्राली , टाटा इण्डिक और कुछ ऐसी गाड़िया भी हैं जो मध्य प्रदेश ट्रांसपोर्ट पोर्टल पर भी मौजूद नही हैं ऐसी गाड़ियों के नम्बर के इस्तेमाल किया जा रहा हैं। मोके पर मौजूद अंजड वेयर हाउस के मोहनलाल मेहसने को गाड़ियों की जानकारी बताने पर भी बयान देने पर मना कर दिया। उनके अनुसार यह मामला नागरिक आपूर्ति निगम का मामला हैं। और मोके पर उपस्थित मनोहर गीते भी जवाब देने से मना कर दिया। ऑपरेटर बवासिकर ने गलती मानी की गलती से कई गाड़ियों के नम्बर में डाल दिए जाते है। पर कैमरे के सामने बयान देने से मना कर दिया। अंत मे बी के कोस्ट व एस झाला से इस गड़बड़ी के बारे में जानकारी के बारे में पूछने पर उनके द्वारा सिर्फ जांच करने का आस्वासन दिया गया।
फिलहाल अंजड वेयर हाउस में 103 सेज्यादा कंट्रोल दुकानों पर सामग्री भेजी जा रही हैं जिसमें एक गाड़ी में भी माना जाये तो 10 टन के लगभग सामग्री भेजी जाती हैं। तो 103 मेट्रिक टन से अदिक सामग्री जाती हैं। जो द लोकनीति की टीम न जानकारी जुटाई हैं mp09ge1428, MP09HE1428 उसमें 12 से अधिक ऐसी गाड़ियों के नम्बर हैं जिसमे ट्रॉली, टाटा इंडिका और कुछ ऐसी भी गाड़िया हैं जिन गाड़िया मध्यप्रदेश ट्रांस्पोरट पोर्टल पर भी नही दर्ज हैं। इस तरह यदि यह गलती कर रहे है तो क्या यह इन की आड़ में कितना राशन वेयर हाउस से निकल रहे है। 

ये रहे सबूत-

 

    

दो किलोमीटर की दुरी 12 घंटे में होती है तय : वाहन वेयर हाउस से मात्र दो किलोमीटर मीटर पर दर्ज हैं उस कन्ट्रोल दुकान पर 12 घण्टे बाद भी नही पहुच पाया। और कुछ राशन दुकान ओर 48 घण्टे से अधिक समय मे भी नही पहुचाता हैं। इस तरह यही सिद्ध होता हैं कोई बड़ा राशन घोटाला चल रहा हैं फर्जी नम्बर डाले जाते है सामग्री लेट कर सामग्री बदल कर या पानी डाल कर वजन बड़ा कर खराब अनाज इन राशन दुकान से बंट दिया जा कर गरीब के हक से अनाज छीना जा रहा हैं। इस पर उचित रूप से जांच की जानी चाहिये। शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर निगरानी समिति भी गठित की गईं जिसमें निगरानी समिति के सदस्यों को राशन वेयर हाउस से निकलने का मेसज आने का नियम दर्ज हैं पर नही आता हैं। पी डी इस मशीनों से निकलने वाला बिल किसी उपभोक्ता को नही दिया जाता हैं। क्योंकि इस बिल नही दिए जाने की आड़ में राशन वितरण प्रणाली में उपभोक्ता का केरोसिन व अन्य सामग्री को पार कर दिया जाता हैं। बिल दिया जाय तो सारी पोल खुल जाएगी।क्या सामग्री उपभोक्ता को दी गई हैं

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