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MP मांगे जवाब :- शिवराज ने आरोप लगाए कमलनाथ सरकार पर, लेकिन सरकार तो शिवराज की थी !

हमारे देश में कई ऐसे इंजीनियर हैं जोकि डिग्री प्राप्त करने के बाद भी बेरोजगार है। ऐसे कुछ बेरोजगार इंजीनियर्स को प्रशिक्षित कर एवं उन्हें कुशल कॉन्ट्रैक्टर बनाने के लिए मध्यप्रदेश राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग के द्वारा एक योजना की शुरुआत की गई थी, जिसका नाम मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर कॉन्ट्रैक्टर योजना रखा गया। यह योजना इसलिए शुरू की गई ताकि इंजीनियर राज्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में अपना योगदान दे सकें।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्तमान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं उन्होंने कहा है कि हमने राज्य के युवा इंजिनियर्स को प्रशिक्षित करने के लिए 6 साल पहले युवा इंजीनियर कॉन्ट्रैक्टर योजना चलायी थी जिसमे प्रशिक्षण के बाद युवा इंजिनीयर्स कॉन्ट्रैक्टर

बन सकें। 2016-17 में तीसरे चरण के ख़त्म होने के बाद चौथे चरण को अभी तक शुरू नहीं किया गया। उनका ये भी कहना है कि असली मुखिया वही होता है, जो एक पिता की भांति प्रदेश के सभी बच्चों के सुख-दु:ख और बेहतर भविष्य का ध्यान रखता है। परन्तु कमलनाथ जी उन इंजीनियरों का भविष्य खतरे में डाल दिए हैं जो भविष्य में कॉन्ट्रैक्टर बनने का सपना देख रहे थे।  इंजीनियरों का कहना है कि अब ये पोर्टल ही नहीं खुल रहा है हम आवेदन कैसे करें, पहले कम से कम प्रमाण पत्र तो मिल जाता था परन्तु अब तो वो भी नहीं मिल रहा है।

लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2014 -15 में इस योजना का शुभारम्भ किया था। 10 हज़ार से अधिक इंजीनियरों ने आवेदन किया था और 492 लोगों का चयन हुआ था। दूसरा बैच 2015 -16 में शुरू हुआ जिसमे आवेदकों की संख्या घट गयी और 3590 हो गयी, जिसमे से 481 आवेदकों का चयन हुआ और 384 आवेदकों को प्रमाण पत्र दिया गया। तीसरे चरण 2016 -17 में 5435 युवाओं ने आवेदन किया जिसमे से 490 का चयन हुआ और 335 को प्रमाण पत्र दिया गया।

चौथा चरण 2017-18 में शुरू हो जाना चाहिए था परन्तु अभी तक शुरू नहीं हुआ। अब शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ सरकर पर आरोप लगा रहे हैं जबकि 2017 से 2018 तक उनकी सरकार थी। उन्होंने शायद ये गौर नहीं किया था अब विपक्ष में बैठकर सरकार की कमियां गिना रहे हैं सरकार का काम सिर्फ कमियां गिनाना नहीं है काम करना भी होता है। जब आप सत्ता में रहते हैं तब आपको कमियां नजर नहीं आतीं हैं। इनमे से कुछ युवा कॉन्ट्रैक्टर जिन्होंने यहाँ से ट्रेनिंग लिया था उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र तो मिल गया है पर प्रमाण पत्र के बावजूद हम सरकारी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इसका कोई भी फायदा हमे मिलता नज़र नहीं आ रहा है।

सज्जन सिंह वर्मा लोक निर्माण मंत्री ने शिवराज सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि
इस योजना में बहुत सारी कमियां थीं। इसलिए कई युवा प्रमाण पत्र लेकर भी भटकने को मजबूर हैं
इस योजना में हम सुधार कर रहे हैं और सुधार कर जल्द ही नया बैच शुरू करवाएंगे।

मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर कॉन्ट्रैक्टर योजना के तहत प्रशिक्षण लेने वाली तृप्ति वर्मा का कहना है कि अकादमिक ट्रेनिंग के दौरान कई दिनों तक हमें ट्रेनिंग देने वालों का इंतजार करना पड़ा। फील्ड गए तो वहां भी खुद पूछना पड़ता था कि यह प्रशिक्षण महज खाना पूर्ति है। तृप्ति का कहना है अगर चौथा बैच शुरू करते हैं तो उसमे सुधार कर शुरू करें।

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