अरे ओ सरकार! बिना सुविधाओं के कैसे पढ़ेगा-कैसे बढ़ेगा इण्डिया

- शासकीय प्राथमिक स्कूल, कुंडलपुर में छात्रों के बैठने के लिए कमरे ही नहीं है
- छात्रों के भविष्य से रोज हो रहा है खिलवाड़
विदिशा। तहसील लटेरी के शासकीय प्राथमिक स्कूल, कुंडलपुर में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला मुख्यालय से लगभग 130 किलोमीटर पर स्थित इस प्राथमिक स्कूल में एक ही कमरा है. जिसमें कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के छात्र पढ़ने आते हैं. स्कूल में कोई फर्नीचर नहीं है. उनके विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जा रही टाट पट्टी भी बेहतर नहीं है. स्कूल में जो एक कक्ष है उसी में किचन व ऑफिस का काम किया जा रहा है. इतना ही नहीं उसी कमरे में छात्रों को बैठाने की व्यवस्था है.
स्कूल के प्रभारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि- “हमने बीआरसी लटेरी को आवेदन दिया है. आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. बस हर बार आश्वासन दे दिया जाता है. लेकिन सुविधाओं के नाम पर अधिकारी कुछ भी उपलब्ध नहीं करा पाते. जिससे इन बच्चों को सही तरीके से पढ़ाया जा सके.
गाँव में एक भी पक्की सड़क नहीं है-
देश को आजाद हुए सात दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन प्रशासन की लापरवाही से इस छोटे से ग्राम में आज तक एक भी पक्की सड़क नहीं बन सकी. यहाँ के हालात यह हैं कि यदि पानी बरस जाए तो छात्र-छात्राएं घर से स्कूल तक नहीं पहुंच सकते और गाँव में यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे भी समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा सकता. क्योंकि चारों ओर से कोई रास्ता ही नहीं है जो इन्हें पक्की सड़क से जोड़ सकें. छात्र कच्चे रास्ते से जाते हैं. बारिश के समय में वे कीचड़ से गुजर कर जाते हैं. हाथों में जूते चप्पल लेते हुए स्कूल को जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हमने स्कूल के प्रभारी टुंडे लाल अहिरवार से स्कूल की अव्यवस्थाओं के संबंध में बात की परंतु उनके द्वारा भी कोई ध्यान नहीं दिया गया.