मरकज़ और स्वास्थय विभाग के बाद अब बिजली विभाग भी कोरोना वायरस फैलाने को तैयार
भोपाल।
कोरोना वायरस (Corona Virus) का संक्रमण देशभर में लगातार बढ़ता जा रहा है। श्रमिकों के पलायन के बाद इसके संक्रमण में लगातार तेजी आई है मामला अब डेढ़ लाख से ऊपर पहुंच चुका है और ऐसे समय में सरकारी भी अपना हाथ पीछे कर चुके हैं। अनलॉक के बाद से ही देश भर में संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है जिसे देखते हुए केंद्र ने साफ तौर पर कहा है कि आपको सावधानियां और सतर्कता बरतनी होगी। पुलिस और राज्य सरकारें भी लगातार निर्देश दे रहे हैं कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आपको क्या-क्या करना होगा! लेकिन ऐसे में प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियां इस चीज को हल्के में ले रहीं हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश जारी कर दिया है।
बायोमेट्रिक से होगी अटेंडेंस
वह बायोमैट्रिक सिस्टम जिस पर थंब लगाने के बाद आपका अटेंडेंस जाता है। उस बायोमैट्रिक सिस्टम को सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर पहले से ही बंद करके रखा है। ऐसे में जब बिजली कंपनियों का इस तरीके का आदेश आएगा तो क्या इससे उसके कर्मचारियों में कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका उत्पन्न नहीं, और अगर होगी तो फिर इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? अब ऐसे आदेश के बाद तो यही आप कह सकते हैं विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इस महामारी के संक्रमण को लेकर कतई गंभीर नहीं है।
विभाग ने किया था बंद
सूत्रों की मानें तो कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए बिजली कंपनी ने 9 अप्रैल से बाय मेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति बंद करा दी थी, लेकिन मंगलवार को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक ने एक आदेश जारी कर अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को सावधानी बरतते हुए हैं हैंडवाश या सैनिटाइजर लगाकर मेट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कहा है। सरकार ने तो और भी बहुत सारे निर्देश दिए थे, लेकिन क्या सभी निर्देशों का पालन सही से किया गया। ठीक उसी तरह क्या बिजली विभाग के सभी कर्मचारी अधिकारियों के निर्देशों का पालन सही से करेंगे। इस प्रकार की सावधानियां बरती जायेंगी इसकी गारंटी कौन देगा। क्या ऐसे में अधिकारियों को कर्मचारियों में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की आशंका ज्यादा नहीं है।
लोगों का विरोध ज़ारी
इस आदेश को लेकर मध्य प्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन के क्षेत्रीय सचिव एल के दुबे का कहना है कि भारत में अब तक के रिकॉर्ड के अनुसार 2 लाख 70 हज़ार लोग संक्रमित है। जबकि मध्यप्रदेश में 10,000 और ग्वालियर जिले में 250 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। ऐसे में कर्मचारियों से बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज कराना सही नहीं होगा। साथ ही उन्होंने प्रबंध संचालक सेवा मेट्रिक मशीन के कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कराने की जारी किए गए आदेश को कोरोना संक्रमण के फैलाव को ध्यान में रखते हुए रद्द करने की मांग की है।
ऐसे में एक और जहां पूरा स्वास्थ विभाग, केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना वायरस से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय सुझा रहे हैं, ऐसे में राज्य सरकार की कंपनियां ऐसे आदेश देंगे तो लोगों में इसका क्या संदेश जाएगा। बिजली विभाग के कर्मचारी कई शहर कई गांवों कस्बों में जाकर मीटर चेकिंग या फिर बिजली बनाने का काम करते हैं। ऐसे में क्या उन जगहों तक संक्रमण फैलने की आशंका नहीं होगी विभाग ने आदेश क्या सोच कर दिया यह तो विभाग ही बता सकता है। लेकिन इससे अब यही अंदाजा लगाया जा सकता है उस विभाग के कर्मचारी और अधिकारी कोरोना वायरस का फैलाव को रोकने के लिए कितने जागरूक हैं।