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मध्यप्रदेश CM शिवराज सिंह का दावा- इंदौर में तेजी से सुधर रही स्थिति

भोपाल में 1.9, इंदौर में 2.2 और जबलपुर में 4.4 प्रतिशत पॉजिटिव प्रकरण निकले हैं। जबकि  मध्यप्रदेश /भोपाल (BHOPAL)। मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोविड-19  संक्रमण में तेजी से कमी आ रही है।एक  रिपोर्ट में 2.4% प्रतिशत कोरोना( CORONA) पॉजिटिव पाए गए हैं।संक्रमित क्षेत्र नए सिरे से तय किए जाएंगे। उन क्षेत्रों को निकाला जाएगा, जो अनावश्यक रूप से शामिल हैं।

यह बात CM शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में कोविड-19  की स्थिति की समीक्षा करते हुए कही है। मुख्यमंत्री ने आज शुक्रवार को डॉक्टर्स की एडवाइजरी कमेटी की वीडियो कांफ्रेंस बुलाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। बैठक में CM ने कहा कि कोविड-19  जांच की जो रिपोर्ट अब आ रही हैं, वह अब अच्छे संकेत हैं। प्रदेश में गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट में कुल 2  हजार 617 में से 65 मामले पॉजिटिव आए हैं।

 अब इंदौर की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। इंदौर के 451 में से10 , भोपाल के 1 हजार 275 में से 25 और जबलपुर के 157 की जांच में 7  पॉजिटिव आए हैं। उज्जैन की 94 जांच में 11 प्रकरण पॉजिटिव मिले हैं। अब अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश के कोविड-19  संक्रमित क्षेत्रों के नए सिरे से निर्धारित किया जाए। इसमें अनावश्यक क्षेत्रों को हटाया जाए। संक्रमित क्षेत्रों से आने-जाने पर प्रतिबंध का कड़ाई से पालन हो ताकि नए क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण न फैले। घनी बस्तियों पर नजर रखी जाए।

अब प्रदेश के आधे जिले ग्रीन जोन में

 स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया किकोविड-19  के मरीजों की हालत में भी सुधार हो रहा है। इंदौर में 6 मरीज वेंटिलेटर में हैं। भोपाल में एक भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा हे कि प्रदेश के आधे जिले ग्रीन जोन में हैं। जबकि, भोपाल, इंदौर और उज्जैन रेड जोन और बाकी ऑरेंज जोन में हैं।

 अब ग्रीन जोन वाले जिलों में शुरू होंगे छोटे बाजार

 गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि 3  मई से ग्रीन जोन वाले जिलों में छूट दी जाएगी। छोटे बाजार खोलने की अनुमति शर्त के साथ दी जाएगी कि सोशल डिस्टेंस का पालन कराया जाएगा। छोटे व मध्यम श्रेणी के उद्योग शुरू हो गए हैं। संक्रमित क्षेत्रों में प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के काम शुरू हो गया हैं। अभी तक 8  लाख 71 हजार मजदूरों को काम मिला है।

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