सरकार ने कोरोना को किया शराबियों के हवाले

देश और प्रदेश में भले ही लॉकडाउन चल रहा हो। लेकिन देश के एक ख़ास तबके के लिए तकरीबन सभी प्रदेशों में लॉकडाउन खत्म हो चूका है। रेड जोन छोडकर बाकी सभी जगह सशर्त शराब कि दुकानें खोल दी गई हैं। पर शायद सरकार को अंदाज़ा नहीं था कि उसका यह कदम क्या गुल खिलायेगा। जो खुल खिला है वह तो आने वाला समय बतायेगा लेकिन बहरहाल कुछ तस्वीरों के माध्यम से आप देखिए कि त्यौहार किसे कहते हैं और ख़ुशी क्या होती है :
कायेकी Social Distancing क्या पता फिर मिले न मिले, दो महीने कि प्यास है भाई इतनी मेहनत जरूरी है
यह तस्वीर दिल्ली कि है और लगभग देश के सभी हिस्सों के हालात यही है. लोग अपने जान की फ़िक्र किये बिना मदिरा महाराज के पान को लालायित थे
देखिए एक दम झोला वोला पूरी तैयारी है, किसी को मिले न मिले हम झोला भरे बगैर नहीं जाएंगे
ये जो ख़ुशी दिख रही है न चेहरे पर बीएस यही है परम सुख, इस बैग में कभी कॉपी किताब भले न गए हों लेकिन मदिरा महाराज के दर्शन पाकर यह आज तर गए होंगे। कोरोना का क्या है आज है कल नहीं तो उसके चक्कर में पीना कैसे छोड़ दें।
जग जीतना इसे कहते हैं आज सम्राट अशोक होता तो इस जश्न को देखकर माथा पीट लेते जबरदस्ती का इतना खून खराबा किया। इसे देखकर बस यही बोला जा सकता है राजतिलक कि करो तैयारी आ रहे हैं बोतलधारी!
इतिहास लिखा जाएगा तो ये बात भी लिखी जाएगी, की जब पुरुष देश की अर्थ्यवस्था संभालने के लिए जान जोखिम में डाल कर कतार में खड़े थे। तब देश की महिलाओं ने कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ दिया था ।
The Lokniti का उद्देश्य किसी के भावनाओं को ठेस पहुचाने का कतई नहीं है। लेकिन आज सुबह से जिस कदर शराब दुकानों के आगे लाइन लगी है यकीनन ही यह आगे जाकर खतरनाक साबित होगा। अगर इन तमाम लोगों में एक भी शख्स कोरोना संक्रमित निकला तो न जाने कितनो को संक्रमण होगा। सरकारें शायद अर्थव्यस्था संभालने के चक्कर में खतरा मोल लेने पर उतारू हैं।
और लोगन को क्या कहा जाए। की जागरूकता लाया जाए इनके लिए जिनको लगता है इस लाइन में लगने से कोरोना खत्म समझो। आखिर भी यही कहा जा सकता है कि पीएगा इंडिया तभी तो जीएगा इंडिया क्यूंकि लम्बी-लम्बी कतारें और कड़कती धुप में इतनी मेहनत ओफ्फ भगवान बचाए।
(सभी तस्वीरें इन्टरनेट से ली गई है)