लॉकडाउन पर भारी पड़ रहा जिंदगी , तनाव में 86 दिनों में 97 ने कि आत्महत्या
मध्यप्रदेश/जबलपुर(Jabalpur) – : लॉकडाउन(Lockdown) के बाद से परिवारिक कलह तथा प्रताड़ना के मामले लगातार बढ़े हैं। लॉकडाउन के लागू होने के बाद से 86 दिनों में जिले में अब तक 97 लोगों ने आत्महत्या की।अब लॉकडाउन का तनाव,व घरेलू कलह और प्रताडऩा से लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है।अब कहा जा रहा है कि लॉकडाउन और अनलॉक(Unlock) में 3 आत्महत्याओं ने लोगों को हैरान कर दिया। जैक आरआरसी(RRC) में बेटे की मौत से सैनिक दम्पती, पुनर्विवाह और बच्चों को प्रताडि़त करने पर 2 बेटों संग मझौली(Majholi) में महिला और और बुधवार को खितौला में मां-बेटी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
अभी तक ये है स्थिति – :
1 – : 65 ने फंदा लगाकर दी जान
2 – : 17 ने खाया जहर
3 – : 06 ने खुद को लगाई आग
4 – : 06 ने ट्रेन के सामने कूदकर दी जान
5 – : 01 ने पीया एसिड
6 – : 02 की मौत नदी,व तालाब में डूबने से
अब आत्महत्या की प्रवृत्ति से हैरान मनोचिकित्सक – :
समाजशास्त्री तथा मनोचिकित्सक भी आत्महत्याओं की इस प्रवृत्ति से बड़े हैरान हैं।अब कहा जा रहा है कि अभी तक एकल परिवार, कामकाज व भाग-दौड़ भरी जिंदगी का तनाव आत्महत्याओं का कारण बन रहा था।परन्तु अब लॉकडाउन में परिवार एकल से संयुक्त रूप में आ गए हैं। इसके बाद भी आत्महत्याओं का ग्राफ नहीं रुक रहा। जिले में 20 मार्च से 14 जून तक 97 लोगों ने आत्महत्या की है। इसमें से 36 महिलाएं भी शामिल हैं। महिलाएं जहां घरेलू कलह, पुत्र वियोग तथा प्रताडऩा के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हुई, वहीं पुरुषों की आत्महत्या की वजह प्रेम प्रसंग, आर्थिक तंगी, बीमारी मानी जा रही है।
अब ये है आत्महत्या का कारण – :
1 – : 38 घरेलू कलह
2 – : 17 प्रताडऩा
3 – : 14 बीमारी से परेशान होकर
4 – : 03 पुत्र वियोग में
5 – : 07 तनाव में
6 – : 04 आर्थिक तंगी
7 – : 14 अन्य कारण
अब मनोवैज्ञानिक बोल रहे है ये बात – :
मनोवैज्ञानिक डॉ. राजेश पांडे(Dr.Rajesh Pande) का कहना है कि व्यक्ति का व्यवहार उसके मन की स्वतंत्रता और परतंत्रता पर निर्भर करता है। लॉकडाउन में मन की स्वतंत्रता और स्वच्छंदता बाधित होने से लोग लोग मानसिक तनाव में आए। रोजी-रोटी और घर-परिवार चलाने की चिंता आत्महत्या की बड़ी वजह बन रही है।
ये प्रयास करने होंगे साब लोग – :
1 – : आत्मविश्वास बढ़ाना होगा
2 – : संगीत सुनें, धर्मग्रंथ पढ़ें
3 – : घर में खुशनुमा माहौल बनाएं
4 – : जॉब खोने से अवसाद में आए युवाओं को परिजन सम्बल दें
5 – : अपनी परेशानी परिवार या दोस्तों से शेयर करें
6 – : मेंटल और इमोशनल डिस्टेंस न बनाएं
7 – : आत्महत्या का विचार आए तो मनोचिकित्सक से काउंसिलिंग लें